वॉशिंग्टन – ‘आतंकवादी और अन्य संगठनों द्वारा ड्रोन्स के बढ़ रहे इस्तेमाल को अमरीका अधिक गंभीरता से देखे। इस खतरे के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो ९/११ जैसा अगला हमला भयंकर विस्फोटकों से लदे ड्रोन्स के ज़रिये ही होगा’, यह इशारा वरिष्ठ अमरिकी सेना अधिकारी ने दिया। इसके साथ ही जैविक एवं रासायनिक हथियारों से लैस ड्रोन्स भी उतने ही खतरनाक साबित हो सकते हैं, यह चिंता एण्टी ड्रोन टेक्नॉलॉजी अर्थात ड्रोन विरोधी तकनीक पर काम कर रही कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने व्यक्त किया है।
ड्रोन्स का इस्तेमाल करके किसी ने नहीं सोचा होगा, ऐसे भयंकर हमले करना संभव है, यह दावा अमरीका के वरिष्ठ सेना अधिकारी ने एक पत्रिका से बोलते समय किया। ‘दर्शकों से भरे स्टेडियम में दो-चार ड्रोन्स टकराकर भीषण हमला करना संभव है। इससे होनेवाला नुकसान काफी बड़ा होगा और यह संभावना करीबी दिनों में सच्चाई में भी उतर सकती है’, यह इशारा इस सेना अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर दिया। इस तरह का हमला करने की तैयारी हो रही है, यह गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई है क्या? इस सवाल के जवाब में वर्णित सेना अधिकारी ने अमरीका पर बीस वर्ष पहले हुए हमले का दाखिला दिया।
‘यात्री विमानों का अपहरण करके आतंकवादी इन विमानों को इमारतों पर टकराएँगे, इसकी कल्पना ९/११ का आतंकी हमला होने से पहले किसी ने नहीं की थी। काफी पहले उपन्यासकार टॉम क्लैन्सी ने ऐसी घटना के बारे में लिखा था। साथ ही ड्रोन के ज़रिये होनेवाले अगले ९/११ के हमले की पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन, छोटे आकार के और आसानी से इस्तेमाल करना मुमकिन होगा ऐसे विस्फोटकों से भरे ड्रोन्स का इस्तेमाल भीषण आतंकी हमले करने के लिए होगा, यह संभावना है’, ऐसी जानकारी अमरिकी सेना अधिकारी ने साझा की।
अमरिकी पत्रिका ने ड्रोन हमले की गंभीरता रेखांकित करने के लिए कुछ विश्लेषक और उद्यमियों के बयान प्राप्त किए। ‘ड्रोनशील्ड’ नामक अमरिकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओलेग वॉर्निक ने ड्रोन हमलों को लेकर अधिक भयानक संभावना जताई। कम खर्च में और आतंकी हमले के लिए बड़े असरदार साबित होनेवाले इन ड्रोन्स में विस्फोटकों के बजाय जैविक या रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया तो वह अधिक विध्वंसक साबित होगा, यह दावा वॉर्निक ने किया। इन ड्रोन्स की खरीद पर एवं इसके इस्तेमाल पर नियंत्रण रखना कठिन है। साथ ही ड्रोन्स का नियंत्रण करनेवाले रिमोट पायलट का पता लगाना भी कठिन होने की ओर भी वॉर्निक ने ध्यान आकर्षित किया।
नाटो के पूर्व अधिकारी ने ब्रिटीश अखबार से बातचीत करते समय भी ड्रोन के ज़रिये जैविक हमले का खतरा होने का इशारा दिया था। ड्रोन्स ‘पांच किलो विस्फोटकों का भार उठाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन, यह ड्रोन्स क्लोरिन या मस्टर्ड ज़हरीले वायु से भरकर हमले करना संभव हो सकता है’, यह दावा कर्नल हमिश दी ब्रेटन-गॉर्डन ने किया।
इसी बीच, बीते महीने से इराक, सीरिया में हुए ड्रोन हमलों ने ध्यान आकर्षित किया है। इस महीने के आरंभिक दिनों में सीरिया में स्थित अमरिकी लष्करी अड्डे पर विस्फोटकों से भरे हुए ड्रोन से हमला हुआ था। बीते हफ्ते इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी के निवास स्थान पर भी तीन ड्रोन हमले हुए। ओमान की खाड़ी से यात्रा कर रहे इस्रायल के मालवाहक जहाज़ पर भी ड्रोन हमला हुआ था। ऐसी स्थिति में अमरिकी अधिकारी के इस इशारे की ओर अमरीका समेत सभी देशों को गंभीरता से देखना होगा।
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