जेरूसलेम/व्हिएन्ना – ‘इस्रायल ईरान को कभी भी परमाणु-अस्त्र-सिद्ध बनने नहीं देगा। ईरान के परमाणु अस्त्र निर्माण का खतरा कम करने के लिए इस्रायल कुछ भी करने के लिए तैयार है’, ऐसा इस्रायल का ख्यातनाम गुप्तचर संगठन मोसाद के प्रमुख डेव्हिड बार्नी ने जताया। जागतिक ताकतें और ईरान के बीच बुरा परमाणु समझौता इस्रायल बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा कहते हुए मोसाद के प्रमुख ने, वियना में जारी अमेरिका और ईरान के बीच की चर्चा को लक्ष्य किया ।
पिछले सोमवार से वियना में अमरीका, युरोपीय देश और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर चर्चा जारी है। अमरीका और युरोपीय देश यह चर्चा तुरंत रोकें, ऐसी माँग इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने की। इन चर्चाओं के जरिए ईरान अमरीका और युरोपीय देशों को ‘न्यूक्लिअर ब्लैकमेल’ कर रहा होने का आरोप प्रधानमंत्री बेनेट ने किया था। इस्रायल के प्रधानमंत्री की इस चेतावनी के कुछ ही घंटों में, इस्रायली गुप्तचर संगठन मोसाद के प्रमुख डेव्हिड बार्नी ने ईरान समेत अमरीका को खरी खरी सुनाई।
अपना परमाणु कार्यक्रम परमाणु अस्त्र निर्माण के लिए नहीं, बल्कि रिहायशी इस्तेमाल के लिए होने का दावा ईरान कर रहा है। लेकिन रिहायशी इस्तेमाल के लिए ६० प्रतिशत युरेनियम संवर्धित करने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा बार्नी ने मोसाद के एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया। ‘रिहायशी इस्तेमाल के लिए तीन संवर्धित प्लांट्स, हज़ारो सक्रीय सेंट्रिफ्यूजेस की आवश्यकता नहीं है। परमाणु बम का निर्माण करने का हेतु हो, तो ही इतने बड़े पैमाने पर परमाणु सामग्रियों की ज़रूरत होती है’, ऐसा कहते हुए बार्नी ने, ईरान का परमाणु कार्यक्रम लष्करी होने का आरोप किया।
‘ईरान खाड़ी क्षेत्र में वर्चस्व प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है। वह इस क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा होकर, इस आतंकवाद को रोकने के लिए दुनिया भर में प्रयास जारी हैं। ईरान का यह आतंकवाद खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा साबित हो रहा है। इस कारण किसी भी प्रकार का बुरा परमाणु समझौता इस्रायल हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेगा’, ऐसा मोसाद के प्रमुख ने डटकर कहा। इस्रायल ईरान पर नजर रखे होकर, ईरान कभी भी परमाणु-अस्त्र-सिद्ध ना हों इसके लिए इस्रायल सिद्ध है, ऐसा बार्नी ने मोसाद के एक कार्यक्रम में कहा।
मोसाद के प्रमुख ईरान के संदर्भ में चेतावनी दे रहे हैं कि तभी इस्रायली गुप्तचर संगठन ने ईरान के नातांझ परमाणु प्लांट में की कार्रवाई को लेकर कुछ नई जानकारी सामने आई है। जुलाई २०२० से अप्रैल २०२१ इस कालावधी में मोसाद ने ईरान के नातांझ परमाणु प्लांट्स में चार हमले किए। इसके लिए १८ महीने की पूर्वतैयारी करनी पड़ी। इसमें लगभग एक हज़ार एजंट्स, जासूस और संबंधित तंत्रज्ञ सहभागी हुए थे। वहीं, मोसाद ने इस मुहिम को अंजाम देने के लिए ईरान के १० परमाणु वैज्ञानिकों से संपर्क किया होने की जानकारी इस्रायली न्यूज़ एजेंसी ने दी। मोसाद अथवा इस्रायली अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। लेकिन नातांझ परमाणु प्लांट्स में हुए संदिग्ध विस्फोटों के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ महीनों के लिए पिछड़ा होने का दावा किया जाता है।
इस्रायल ईरान के विरोध में गोपनीय मुहिम ना चलाएँ – अमरीका की इस्रायल के पास माँग
तेल अविव – वियना में परमाणु समझौते पर चर्चा जारी है, ऐसे में इस्रायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विरोध में गोपनीय मुहिम ना चलाएँ, ऐसी माँग अमरीका ने की है। इस्रायल की किसी भी खुफिया कार्रवाई का अमरीका विरोध करेगी, ऐसा संदेश बायडेन प्रशासन ने इस्रायली सुरक्षा यंत्रणा को दिया, ऐसा इस्रायली अखबार ने कहा है। अगले हफ्ते में इस्रायल के रक्षा मंत्री बेनी गांत्झ और मोसाद के प्रमुख बार्नी अमरीका का दौरा करनेवाले हैं।
पिछले ५ दिनों से वियना में जारी चर्चा, बिना किसी फैसले के स्थगित हुई है। सोमवार से यह चर्चा नए से शुरू होनेवाली होकर, ईरान की भूमिका को लेकर अमरीका खुश नहीं है, ऐसी खबरें आ रही हैं। ऐसा होने के बावजूद भी चर्चा जारी रखेंगे, ऐसा बायडेन प्रशासन ने कहा है। अमरीका की इस भूमिका पर इस्रायल और अरब मित्रदेश अधिक ही नाराज़ हुए हैं।
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