रशिया अतिप्रगत अंतरमहाद्वीपीय ‘सरमात’ क्षेपणास्त्र तैनात करने की तैयारी में

मॉस्को – २५,५६० किलोमीटर प्रति घंटा इतनी रफ्तार और १८ हज़ार किलोमीटर तक पहुँच होनेवाले ‘आर-28 सरमात’ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र अगले कुछ महीनों में तैनात किए जाएँगे। रशियन रक्षा बलों की सेवा में होनेवाले ‘आर-36’ अंतर महाद्वीपीय क्षेपणास्त्रों के स्थान पर यह तैनाती होगी, ऐसी जानकारी रशिया के ‘स्ट्रैटेजिक मिसाईल फोर्सेस’ के कमांडर कर्नल जनरल सर्जेई काराकायेव्ह ने दी।

‘सरमात’, अंतरमहाद्वीपीय

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने सन २०१८ में अतिप्रगत और युद्ध का पलड़ा बदलनेवाले छह शास्त्रों के बारे में घोषणा की थी। इनमें परमाणु अस्त्रों से सिद्ध ‘पोसायडन’ मानवरहित पनडुब्बी, परमाणु-अस्त्र-सिद्ध ‘अ‍ॅव्हनगार्ड’ हायपरसोनिक क्षेपणास्त्र तथा चंद कुछ सेकंडों में अमरीका का टेक्सास शहर जलाकर राख कर देने की क्षमता होनेवाले ‘सरमात’ इस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र का समावेश था। रशियन राष्ट्राध्यक्ष की इस घोषणा ने सनसनी मचाई थी। उस पृष्ठभूमि पर, ‘सरमात’ की तैनाती यह रशिया ने किया हुआ बहुत बड़ा सामरिक फैसला साबित होता है।

पिछले कुछ साल रशिया सायलो अथवा हवाबंद सुरंग से प्रक्षेपित किए जाने वाले इस सरमात क्षेपणास्त्र का परीक्षण कर रहा था। प्रति सेकंड 7 किलोमीटर इस रफ्तार से यह क्षेपणास्त्र प्रवास कर सकता है। हालांकि रशियन यंत्रणाओं ने, इस क्षेपणास्त्र की पहुँच १८ हज़ार किलोमीटर की होने का ऐलान किया था, फिर भी सरमात ३५ हज़ार किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकता है, ऐसी जानकारी भी सामने आई थी। साथ ही, सरमात अत्याधुनिक हवाई सुरक्षा यंत्रणा को भी चकमा दे सकता है, ऐसा दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं।

‘सरमात’, अंतरमहाद्वीपीय

इस साल सरमात के सभी परीक्षण पूरे हुए होकर, सन २०२२ की शुरुआत से इस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक क्षेपणास्त्र की तैनाती शुरू होगी। अगले ७ सालों में ‘आर-28 सरमात’ क्षेपणास्त्रों के आठ रेजिमेंट्स तैनात होनेवाले हैं। रशियन रक्षा बल के बेड़े में फिलहाल होनेवाले ‘आर-36’ इन क्षेपणास्त्र का स्थान सरमात लेगा। ‘आर-36’ अंतर महाद्वीपीय क्षेपणास्त्र नाटो सदस्य देशों में ‘सॅटन’ क्षेपणास्त्र के नाम से मशहूर है। इस कारण ‘आर-28’ क्षेपणास्त्र की तैनाती के बारे में रशिया ने किए ऐलान की ओर नाटो के सदस्य देश अधिक सावधानी से देख रहे हैं।

युक्रेन के मुद्दे पर रशिया और अमरीका-नाटो के बीच तनाव बढ़ा है। अमरीका रशिया पर प्रतिबंध लगाने की धमकियाँ दे रही है। उसी के साथ, अगर रशिया ने युक्रेन पर हमला किया, तो तीसरा विश्वयुद्ध भड़केगा और रशिया को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा, ऐसी चेतावनी अमरीका और नाटो दे रहे हैं।

इसी बीच, नाटो युरोप में परमाणु अस्त्र तैनात करने की तैयारी कर रहा है, ऐसी चिंता रशिया ने कुछ दिन पहले ज़ाहिर की थी। अगर नाटो युरोप में परमाणु अस्त्र तैनात करने के फैसले से नहीं मुकर जाता, तो रशिया भी युरोप में परमाणु अस्त्र तैनात करेगा, ऐसी चेतावनी रशियन उप विदेश मंत्री सर्जेई रिब्कोव्ह ने दी थी।

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