बीजिंग – चीन अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी रखेगा, यह इशारा चीन के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया है। लेकिन, चीन की परमाणु क्षमता को लेकर अमरीका के दावों में सच्चाई ना होने का बयान चीन के ‘आर्म्स कंट्रोल डिपार्टमेंट’ के महासंचालक फु काँग ने किया है। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर परमाणु हथियारों से संबंधित निवेदन जारी करने के २४ घंटे पूर्ण होने से पहले ही यह दावा करके चीन ने अपना दोगलापन दिखाया है।
‘एशिया की सुरक्षा संबंधित स्थिति बदल रही है और इसके अनुसार चीन को पर्याप्त परमाणु हथियारों की आवश्यकता है। अमरीका एशियाई महाद्विप में प्रगत मिसाइल तैनात कर रही है। भारत और पाकिस्तान भी परमाणु हथियारों से सज्जित हैं’, इन शब्दों में चीनी अधिकारी ने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण का समर्थन किया। विश्व के ९० प्रतिशत परमाणु हथियार अमरीका और रशिया के बेड़े में हैं और उन्होंने अपने परमाणु हथियारों की संख्या कम करके चीन जितनी करें तो चीन परमाणु हथियार कम करने की बातचीत में शामिल होगा, यह दावा भी फु काँग ने किया।
चीन ने परमाणु हथियारों के मुद्दे पर ‘नो फर्स्ट यूज पॉलिसी’ अपनाई है और चीन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल प्रतिबंधक विकल्प के तौर पर करेगा, यह भी चीनी अधिकारी ने कहा। परमाणु हथियार युद्ध या संघर्ष के लिए नहीं हैं, ऐसा भी काँग ने कहा है। चीन के बेड़े में अमरीका और रशिया के बाद सबसे अधिक ३५० परमाणु हथियार मौजूद होने की बात कही जाती है। अगले कुछ वर्षों में चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाकर १ हज़ार कर सकता है, ऐसे इशारे अमरीका समेत अलग अलग अंतरराष्ट्रीय अध्ययन मंड़लों ने दिए हैं।
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