मास्को/किव – रशिया-यूक्रैन सरहदी इलाके के साथ क्रिमिया से कुछ फौज़ हटाने के फोटो रशियन यंत्रणाओं ने सार्वजनिक किए हैं| ये फोटो जारी होने के साथ ही, यूक्रैन के रक्षा विभाग समेत प्रमुख बैंक पर सायबर हमलें हुए हैं| लेकिन, इन हमलों के लिए रशिया पर आरोप लगाने से यूक्रैन दूर रहा है| इस वजह से, कम से कम इस मुद्दे पर नया तनाव निर्माण नहीं हुआ है|
रशिया बुधवार १६ फ़रवरी को यूक्रैन पर हमला करेगा, ऐसे आक्रामक दावे पश्चिमी यंत्रणा और प्रसारमाध्यम कर रहे थे| यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने भी उन्हें ऐसी जानकारी प्राप्त होने का बयान किया था| लेकिन, असल में इस कथित हमले के एक दिन पहले ही रशिया ने अपने कुछ सैन्य दलों को पीछे हटाना शुरू किया| क्रिमिया एवं रशिया-यूक्रैन सरहदी क्षेत्र में आयोजित किए युद्धाभ्यास का चरण खत्म होने के कारण सैन्य दल वापस जा रहा हैं, यह रशिया ने स्पष्ट किया| इनकी वापसी के फोटो भी सार्वजनिक किए गए हैं|
रशिया की इस वापसी के दौरान मंगलवार को यूक्रैन का रक्षा विभाग एवं बैंकों के कम्प्युटर नेटवर्क्स पर सायबर हमलें हुए| ये हमलें ‘डीडीओएस’ प्रकार के थे और इससे रक्षा विभाग समेत बैंकों की वेबसाईटस् कुछ समय के लिए ‘हैंग’ हुईं थीं, यह जानकारी यूक्रैन ने प्रदान की| इन हमलों के पीछे किसका हाथ है, यह कहना फिलहाल मुमकिन नहीं होगा, ऐसा यूक्रैन के अधिकारियों ने कहा| इससे पहले रशियन हैकर्स ने यूक्रैन पर बड़े सायबर हमलें किए थे| इसी कारण इन हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता|
इससे पहले १२ जनवरी को यूक्रैन पर बड़ा सायबर हमला किया गया था| इसमें यूक्रैन के विदेश मंत्रालय के साथ, अलग अलग दूतावासों की वेबसाईटस्, सिक्युरिटी ऍण्ड डिफेन्स काऊन्सिल एवं शिक्षा विभाग और आपातकालीन विभाग की वेबसाईटस् को लक्ष्य किया गया था| इनमें से कुछ वेबसाईटस् पर रशियन और पोलिश भाषा में संदेश देखे गए थे| इससे वेबसाईटस् से यूक्रैन के नागरिकों की जानकारी की चोरी की गई और यह जानकारी सार्वजनिक करने का इशारा भी दिया गया था|
इसके बावजूद यूक्रैन ने इस बार सायबर हमलों के लिए अभी तक रशिया पर आरोप नहीं लगाया है और यह बात ध्यान आकर्षित कर रही है| इसी बीच, ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई ६’ के पूर्व प्रमुख जॉन सॉअर्स ने यह बयान किया है कि रशिया का यूक्रैन पर हमला करने का खतरा, कुछ देशों ने किए दिखावे जितना भी गंभीर नहीं है| पिछले कुछ दिनों की घटनाओं के बाद रशिया को फ़ायदा होता दिख रहा है, यह दावा भी ब्रिटेन के पूर्व गुप्तचर प्रमुख ने किया|
रशियन वापसी के पुख्ता सबूत ना होने का नाटो का दावा
ब्रुसेल्स – रशिया ने भले ही सेनावापसी के दावे किए हों, फिर भी इसके पुख्ता सबुत प्राप्त नहीं हुए हैं और अभी भी युरोप की सुरक्षा के लिए बना खतरा बरकरार है, यह दावा नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया| बुधवार को ब्रुसेल्स में नाटो की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई और इसके लिए सदस्य देशों के रक्षामंत्री ब्रुसेल्स पहुँचे हैं| अमरीका एवं यूक्रैन ने भी रशिया के वापसी के दावों पर सावधानीपूर्वक भूमिका अपनाई है| अमरीका ने अभी तक रशियन दावों की पुष्टि नहीं की हैं, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने कहा|
इसी बीच, रशिया-यूक्रैन तनाव की पृष्ठभूमि पर नाटो ने पूर्व युरोप में हज़ार-हज़ार सैनिकों का समावेश होनेवाले चार बैटल ग्रुप्स तैनात करने के संकेत दिए हैं| नाटो के इस प्रस्ताव पर रशिया की तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ होने की संभावना है|
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