रशिया पर थोपे ‘ऑईल बॅन’ की पृष्ठभूमि पर ईंधन समेत सोना तथा अन्य धातुओं की दरों में भारी उछाल

भारी उछाल

मॉस्को/लंडन – अमरीका और युरोपीय देशों में रशियन इंधन की आयात पर पाबंदी लगाने की चर्चा शुरू हुई है। इसकी तीव्र गूंजे अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सुनाई दीं होकर, इंधन, सोना तथा अन्य धातुओं के दामों में भारी उछाल पाई गई है। कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 130 डॉलर्स तक पहुँचे होकर, सन 2008 के बाद का यह रिकॉर्ड स्तर है। वहीं, सोने के दाम प्रति औंस दो हज़ार डॉलर्स तक पहुँच गए हैं। चांदी, पैलेडियम, निकेल की दरों में भी भारी वृद्धि हुई होकर, निकेल के दाम 15 सालों के सर्वोच्च स्तर तक पहुँच चुके हैं।

भारी उछाल

इस वृद्धि के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महँगाई भड़कने के संकेत मिल रहे हैं। उसका झटका जागतिक अर्थव्यवस्था को लगने लगा है। लेकिन यह दर वृद्धि यानी दुनिया के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौती नहीं है, बल्कि इससे भी अधिक भीषण परिस्थिति का सामना दुनिया को करना पड़ेगा। क्योंकि फिलहाल 130 प्रति बैरल पर होने वाले कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 200 डॉलर्स तक जाएंगे, ऐसी दुनिया को दहला देने वाली चुनौती लंदन के ‘वेस्टबेक कॅपिटल मॅनेजमेंट’ इस ‘हेज फंड’ ने दी है।

रशिया-युक्रेन युद्ध के 12 दिन पूरे हुए हैं और इस कालावधी में पश्चिमी देशों ने रशिया के विरोध में एक के बाद एक प्रतिबंध लगाना जारी रखा है। रशिया के विरोध में निर्णायक कदम उठाने की दृष्टि से ईंधन आयात पर पाबंदी लगाने का विकल्प सामने आया है। युक्रेन द्वारा लगातार यह मांग की जा रही होकर, युक्रेन का खून बहाने के लिए रशिया ईंधन से मिली निधि का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा आरोप युक्रेन के नेताओं ने किया है। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका और युरोप के देशों ने रशियन ईंधन आयात पर पाबंदी लगाने के संदर्भ में चर्चा शुरू की है।

भारी उछाल

इसकी तीव्र गूंजे सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सुनाई दीं। व्यवहार शुरू होने के कुछ ही समय बाद कच्चे तेल के दामों ने बड़ी उछाल लेते हुए, ठेंठ 137 डॉलर्स प्रति बैरल का रिकॉर्ड स्तर पार किया। सन 2008 के बाद कच्चे तेल के दामों ने पहली ही बार इस स्तर को छुआ है। अमरीका के ‘डब्ल्यूटीआय क्रूड’ के दाम भी 125 डॉलर्स प्रति बैरल तक पहुँच गए हैं। इसका झटका अमरीका के ईंधन की कीमतों को लगा होकर, प्रति गैलन चार डॉलर्स से अधिक कीमत अदा करनी पड़ रही है।

कच्चे तेल के बाद नैसर्गिक ईंधन वायु के दामों में भी उछाल ली है। युरोपीय देशों में इंधन वायु की दरें 3600 डॉलर्स प्रति हजार घनमीटर पर पहुँच चुकी है। इंधन वायु मार्केट के इतिहास में पहली ही बार यह विक्रम स्तर पार किया गया है। इंधन के बाद सोना तथा अन्य धातु तथा अनाज के दाम भी भड़कने की शुरुआत हुई है। सोने के दामों ने सोमवार को प्रति औंस दो हज़ार डॉलर्स का स्तर पार किया। अगस्त 2020 के बाद पहली बार सोने ने दो हज़ार का स्तर पार किया है।

सोने के बाद चांदी, निकेल, पैलेडियम तथा अ‍ॅल्युमिनिअम इन धातु के दामों में भी वृद्धि हुई है। निकेल के दाम लगभग 30% से बढ़े होकर पिछले 15 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हैं। पैलेडियम के दाम 3,440 डॉलर्स प्रति औंस तक पहुंच चुके हैं। वहीं, एलुमिनियम के दामों ने प्रति टन चार हज़ार डॉलर्स का स्तर पार किया है।

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