मास्को – ‘परमाणु युद्ध रोकने के लिए रशिया काफी कोशिश कर रही है| लेकिन, यूक्रैन का युद्ध परमाणु युद्ध में तब्दील होने का खतरा काफी बढ़ा है और यह खतरा सच में है| इस खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता’, ऐसा इशारा रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने दिया| साथ ही इस युद्ध को रोकने की गुहार लगा रहे अमरीका और नाटो ही यूक्रैन को हथियारों से सज्जित कर रहे हैं, यह आरोप रशियन विदेशमंत्री ने लगाया है|
अमरीका और नाटो की यह हरकतें युद्ध लंबे समय के लिए चलाएंगी, यह दावा लैवरोव ने किया| कुछ घंटे पहले अमरीका के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री ने यूक्रैन का दौरा करके अतिरिक्त ७० करोड़ डॉलर्स की सैन्य सहायता देने का ऐलान किया था| साथ ही रशिया के लिए फिर से यूक्रैन जैसा दूसरा युद्ध छेड़ना मुमकिन ना हो, इस हद तक कमज़ोर करना है, ऐसा कहकर अमरिकी रक्षामंत्री ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध एवं इस सैन्य सहायता का समर्थन किया था| इसके बाद रशियन विदेशमंत्री ने यह इशारा दिया है|
अमरीका ने यूक्रैन को अतिरिक्त ७० करोड़ डॉलर्स की सैन्य सहायता का ऐलान किया है| इसके बावजूद यूक्रैन ने अमरीका से प्रति माह दो अरब और अंतरराष्ट्रीय समूदाय से तीन अरब डॉलर्स सहायता की मॉंग करने की जानकारी सामने आ रही है| यूक्रैन के वित्तमंत्री ने अमरिकी अखबार से बोलते हुए यह आवाहन किया, ऐसा दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं| बायडेन प्रशासन ने यूक्रैन की इस मॉंग पर प्रतिक्रिया दर्ज़ नहीं की|
लेकिन, यूक्रैन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए अमरीका ने इस हफ्ते विशेष बैठक का आयोजन किया है| इसमें ४० से अधिक देश शामिल होंगे, यह दावा किया जा रहा है| रशिया के हमले से यूक्रैन के रक्षाबलों का भारी नुकसान हुआ है| यूक्रैन की वायुसेना पुरी तरह से नष्ट होने का दावा रशिया ने किया था| इस पृष्ठभूमि पर नाटो सदस्य देश यूक्रैन को सैन्य सहायता प्रदान करें, ऐसी गुहार अमरीका इस बैठक के माध्यम से लगाएगी| अमरीका और नाटो की इस दोगली नीति की रशियन विदेशमंत्री लैवरोव ने आलोचना की|
रशिया और पश्चिमी देशों के ताल्लुकात शीतयुद्ध से ज्यादा खराब होने की बात लैवरोव ने स्पष्ट की| यूक्रैन की सेना और रशिया विरोधी गुटों को हथियारों की आपूर्ति करके नाटो ने रशिया के खिलाफ गुप्त युद्ध शुरू किया है, यह आरोप रशियन विदेशमंत्री ने इस साक्षात्कार के दौरान लगाया| पश्चिमी देशों ने यूक्रैन को हथियारो की आपूर्ति जारी रखने से परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ा है, यह इशारा लैवरोव ने दिया| आनेवाले दिनों में यूक्रैन के हाथ लगनेवाले पश्चिमी देशों के यह हथियार रशिया की कार्रवाई का लक्ष्य होंगे, यह इशारा विदेशमंत्री लैवरोव ने दिया|
शीतयुद्ध के दौर के ‘क्युबन क्राइसिस’ का ज़िक्र रशियन विदेशमंत्री ने किया| ‘क्युबन क्राइसिस’ के दौर में किसी भी तरह के लिखित नियम नहीं थे| लेकिन, दोनों देशों को अपनी-अपनी मर्यादा ज्ञात थी’, ऐसा कहकर मौजूदा युद्ध नियमों के दायरे में ना होने के संकेत लैवरोव ने दिए| तथा उस दौर में अमरीका और सोवियत रशिया के नेताओं के बीच संपर्क यंत्रणा थी और इस पर भरोसा किया जा सकता था| लेकिन, अब दोनों देशों के नेताओं के बीच संपर्क नहीं रहा, यह जानकारी रशियन विदेशमंत्री ने प्रदान की|
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