अमरिके ने ‘बी-५२ बॉम्बर’ से किया हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

अमरिके ने ‘बी-५२ बॉम्बर’ से किया हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

वॉशिंग्टन – आवाज़ से पांच गुना तेज़ गति से उड़ान भरने की क्षमता के हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करने का ऐलान अमरिकी वायुसेना ने किया। परमाणु बम के साथ उड़ान भरने के काबिल ‘बी-५२एच’ बॉम्बर विमान से यह परीक्षण किया गया। पिछले दो महीनों में अमरीका ने दूसरी बार हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है। इस दौरान यह दावा किया जा रहा है कि, रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने अपने हायपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करने के कार्यक्रम को गति प्रदान की है। इस परीक्षण की जानकारी देने से अमरीका कम से कम दो हफ्ते दूर रही थी। लेकिन, पिछले महीनें अमरिकी वायु सेना ने हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करने की जानकारी पहली बार सार्वजनिक की। इसके बाद पिछले हफ्ते १४ मई को अमरीका ने कैलिफोर्निया तटीय क्षेत्र के करीब से हायपरसोनिक मिसाइल दागी।

अमरिकी वायुसेना के ‘बी-५२एच बॉम्बर’ विमान से ‘एजीएम-१८३’ दागी गयी। यह मिसाइल विमान से अलग होने के बाद बुस्टर इग्नाईट हुई और मिसाइल ने आवाज़ से पांच गुना अधिक गति प्राप्त करने की बात अमरिकी वायु सेना के अधिकारियों ने स्पष्ट किया। मात्र, दो महीनों में दूसरी बार हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करके अमरीका अब यूक्रैन के विरोध में युद्ध शुरू करनेवाली रशिया को चेतावनी दे रही हैं, यह दावा पश्‍चिमी माध्यम कर रहे हैं।

साथ ही बायडेन प्रशासन ने घोषित किए रक्षा खर्च मे हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण के लिए ४.७ अरब डॉलर्स का प्रावधान करने की याद भी अमरिकी माध्यम ताज़ा कर रही हैं। ‘ऑकस’ नामक गठित नए गुट के माध्यम से ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया इन मित्रदेशों के साथ अमरीका हायपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करेगी, ऐसा इन माध्यमों का कहना है। अमरीका ने बॉम्बर विमान से दागी मिसाइल का पता लगाना और इसे लक्ष्य करना कठिन होने का दावा यह माध्यम कर रहे हैं।

लेकिन, अमरिकी वायुसेना ने दागी हायपरसोनिक मिसाइल आवाज़ से पांच गुना तेज़ उड़ान भरती हैं। लेकिन, रशियन वायुसेना प्रयोग कर रहीं किंज़ल या डैगर हायपरसोनिक मिसाइल आवाज़ से दस गुना अधिक तेज़ उड़ान भर सकते हैं, यह दावा रशिया कर रही हैं। पिछले हफ्ते ही रशियन वायुसेना ने यूक्रैन युद्ध के दौरान ओडेसा पर हमलें करने के लिए किंज़ल मिसाइल का प्रयोग किया था। इस वजह से हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण में और इस्तेमाल मे अमरीका अभी भी पीछे होने का दावा रशियन माध्यम कर रहे हैं।

इसी बीच, रशिया और चीन हायपरसोनिक मिसाइल के निर्माण करने के लिए तेज़ी से कदम बढ़ा रहे हैं, ऐसा दावा अमरीका के सैन्य विश्‍लेषकों ने पहले ही किया था। रशिया-चीन की तुलना में अमरीका कोइस क्षेत्र में गति बढ़ानी होगी, ऐसा इन विश्‍लेषकों का कहना हैं।

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