रशियन ईंधन की खरीद पर प्रतिबंध लगाने को लेकर महासंघ की सहमति

- साल के अन्त तक रशियन ईंधन की खरीद ९० प्रतिशत कम करना तय

ब्रुसेल्स/किव – इस साल के अन्त तक रशिया से खरीदे जा रहे ईंधन की मात्रा ९० प्रतिशत कम करने का ऐलान यूरोपिय महासंघ ने किया। इस पर महासंघ की बैठक में सहमति होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, रशियन ईंधन की खरीद पर प्रतिबंध लगाने का तीव्र विरोध कर रहे हंगरी और बेलारूस के बिना महासंघ की यह बैठक हुई। इस वजह से इस सहमति के दावे की ज्यादा अहमियत ना होने की बात स्पष्ट हो रही है। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की ने इसके लिए यूरोपिय महासंघ की कड़ी आलोचना की है।

ईंधन की खरीद

यूरोपिय देश रशिया के ईंधन पर निर्भर हैं। यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद यूरोपिय देश रशियन ईंधन की खरीद बंद करें, यह माँग अमरीका और ब्रिटेन ने की थी। लेकिन, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भी अमरीका रशिया से ईंधन खरीद कर रही है, यह बात स्पष्ट हुई थी। कुछ यूरोपिय देशों ने यूक्रेन पर हमला कर रही रशिया का भले ही विरोध किया हो, फिर भी रशियन ईंधन का आयात यकायक बंद करना मुमकिन ना होने की बात कही थी।

यूक्रेन को रशिया के हमलों से बचाना हो तो पहले ईंधन खरीदकर रशिया की तिज़ोरी भरना बंद करें, यह माँग रशिया के विरोधि पोलैण्ड एवं अन्य कुछ यूरोपिय देशों ने उठायी थी। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष भी इसी मुद्दे पर यूरोपिय देशों पर तीव्र आलोचना कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ की बैठक में इस साल के अन्त तक रशिया से ईंधन खरीद ९० प्रतिशत घटाने का निर्णय लिया गया है।

ईंधन की खरीद

महासंघ की पहले हुई बैठक में रशियन ईंधन की खरीद पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव हंगरी और बेलारूस ने नाकाम किया था। इस वजह से इस बार बैठक से इन दोनों देशों को दूर रखा गया। इसके बाद रशियन ईंधन की खरीद पर प्रतिबंध लगाने की सहमति होने का ऐलान महासंघ ने किया। साथ ही महासंघ के निर्णय के विरोध में रशिया से ईंधन खरीदने वाले हंगरी और बेलारूस को इस ईंधन सप्लाई के लिए मार्ग उपलब्ध ना कराने का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया।

महासंघ के इस निर्णय के बावजूद यूक्रेन संतुष्ट नहीं हुआ। यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने पूरी सहमति से रशियन ईंधन की खरीद पर पूरी रोक लगाने में महासंघ असफल रहा, ऐसी आलोचना की। इसी बीच हंगरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन ने हमारे देश की जनता शांति से सो सकती है, ऐसा बयान करके महासंघ के इस निर्णय की आलोचना की है।

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