मास्को – तकनीकी मुश्किलों की वजह बताकर रशिया ने युरोप के प्रमुख देश जर्मनी की ईंधन वायु सप्लाई कम कर दी है। इसके साथ ही फ्रान्स, इटली और ऑस्ट्रिया की कंपनियों ने भी, रशिया से हो रही ईंधन वायु की सप्लाई कम होने के दावे किए हैं। युरोपीय देश अमरीका के साथ साथ, अफ्रीका एवं खाड़ी देशों के साथ भी ईंधन वायु से संबंधित समझौते कर रहे हैं और इसी दौरान यह सप्लाई कम की गई है। इस वजह से भविष्य में रशिया युरोपीय देशों की ईंधन सप्लाई रोकने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और जर्मनी ने इस मामले पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की है। इस पृष्ठभूमि पर युरोप में ईंधन वायु की कीमतों में ६० प्रतिशत उछाल देखा गया है और इसकी कीमत प्रति हज़ार घनमीटर के लिए डेढ़ हज़ार डॉलर्स पर पहुँची है।
रशिया की प्रमुख ईंधन कंपनी ‘गाझप्रोम’ ने, पिछले कुछ दिनों में जर्मनी को हो रही नैसर्गिक ईंधन वायु की आपूर्ति कम करना शुरू किया है। जर्मन कंपनी ‘सिमेन्स एनर्जी’ ने मरम्मत के लिए भेजी यंत्रणा प्रतिबंधों में फँसने के कारण यह फ़ैसला करना पड़ा होने का खुलासा रशियन कंपनी ने किया। पिछले तीन दिनों में रशिया ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम १’ ईंधन पाइपलाइन के ज़रिये हो रही ईंधन वायु की सप्लाई ६० प्रतिशत कम की है।
रशिया ‘नॉर्ड स्ट्रीम १’ ईंधन पाइपलाइन के माध्यम से जर्मनी को हर दिन १६.७ करोड़ घनमीटर ईंधन वायु की सप्लाई करती है। गुरुवार को यह सप्लाई सिर्फ ६.७ करोड़ घनमीटर हुई। रशिया ने इसके लिए बतायी वजह समझ के बाहर है और ईंधन वायु की आपूर्ती कम करने का यह निर्णय राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है, ऐसा आरोप जर्मन सरकार ने किया हैं। ठंड़ के मौसम से पहले रखरखाव या मरम्मत का मुद्दा सामने नहीं आता, ऐसा दावा जर्मन मंत्री ने किया है। जर्मन सरकार ने अपने नागरिकों को बिजली की बचत करने का भी आवाहन किया है।
जर्मनी की ऊर्जा नियंत्रक संस्था ने रशिया के निर्णय के तीव्र परिणाम ठंड़ के मौसम में भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी दी है। ‘हीटिंग सिझन’ खत्म होने से ठंड़ के दिनों में ईंधन वायु की किल्लत महसूस नहीं होगी। लेकिन, ठंड़ के दिनों के लिए ईंधन का भंड़ारण करने की योजना असफल हो सकती है, ऐसी चेतावनी ऊर्जा यंत्रणा के प्रमुख क्लॉस मुलर ने दी है। रशिया ने अबतक जर्मनी को ईंधन वायु की आपूर्ति करने की नीति कायम रखी थी। लेकिन, भविष्य की गारंटी देना मुमकिन नहीं होगा, यह ड़र भी मुलर ने व्यक्त किया।
जर्मनी के अलावा फ्रान्स, इटली और ऑस्ट्रिया की ईंधन कंपनियों ने भी रशियन ईंधन की आपूर्ति कम होने के दावे किए हैं। इस वजह से, करीबी भविष्य में रशिया युरोपीय देशों को हो रही नैसर्गिक ईंधन वायु की सप्लाई रोक सकता है, ऐसें संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इससे पहले रशिया ने बल्गेरिया, डेन्मार्क और फिनलैण्ड जैसें देशों की ईंधन सप्लाई बंद की थी। इसके बाद अब अन्य देशों को हो रही ईंधन सप्लाई कम करके, उन्हें प्राप्त हो रही रशियन ईंधन की आपूर्ति भी बंद हो सकती है, ऐसी चेतावनी रशिया दे रही है। युरोपीय देशों ने यूक्रेन को दिया समर्थन और रशिया पर लगाए प्रतिबंध ही इसकी प्रमुख वजह होने की बात दिख रही है।
रशिया ने जर्मनी की ईंधन सप्लाई कम करने की वजह से युरोपीय ईंधन बाज़ार में सनसनी फैली है। गुरुवार को युरोप में ईंधन वायु की कीमतों में भारी उछाल हुआ और ईंधन वायु की कीमत प्रति हज़ार घनमीटर के लिए १,५०० डॉलर्स तक पहुँची। ऐसें में, आनेवाले दिनों में ये कीमतें अधिक बढ़ेंगी, ऐसा अनुमान विश्लेषकों ने व्यक्त किया है।
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