रशिया यूरोप की ईंधन वायू सप्लाई तोड़ सकती हैं

- ‘आयईए' प्रमुख की चेतावनी

रशिया यूरोप की ईंधन वायू सप्लाई तोड़ सकती हैं

पैरिस/मास्को – यूक्रेन संघर्ष मे अपना स्थान मज़बूत करने के लिए रशिया यूरोप की ईंधन सप्लाई पूरी तरह से तोड़ सकती हैं, ऐसी चेतावनी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ (आयईए) के प्रमुख फातिह बिरॉल ने दी। बिरॉल की चेतावनी की यूरोपिय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्टी की है। रशिया कड़ा निर्णय करने की संभावना पर गौर करके यूरोप के प्रमुख देश जर्मनी ने ईंधन क्षेत्र में ‘अलार्म स्टेज’ का ऐलान किया है। पिछले हफ्ते रशिया ने जर्मनी के साथ यूरोप के कुछ अन्य प्रमुख देशों की ईंधन सप्लाई कम करने की बात सामने आयी थी।

‘ईंधन वायु की आपूर्ति के मुद्दे पर रशिया कई वजह बता सकती  हैं। विभिन्न कारणों को बताकर यूरोप की ईंधन वायु सप्लाई कम की जा सकती हैं। संभव हो रशिया यूरोप की ईंधन वायू सप्लाई पुरी तरह से तोड़ सकती हैं। इस वजह से यूरोपिय देशों ने आपातयोजना तैयार रखनी होगी’, यह इशारा ‘आयईए’ के प्रमुख फातिह बिरॉल ने दिया। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर ईंधन क्षेत्र में अपना स्थान अधिक मज़बूत करने के लिए रशिया ईंधन सप्लाई तोड़ने का कदम उठा सकती हैं, यह दावा भी उन्होंने किया। यूरोपिय देशों को ठंड़ के मौसम में अधिक ईंधन की ज़रूरत होने की बात ध्यान में रखकर रशिया ने इस तरह की चाल चली होगी, इसपर बिरॉल ने ध्यान आकर्षित किया।

बिरॉल के बाद यूरोपिय महासंघ के ‘क्लायमेट पॉलिसी चीफ’ फ्रैंक टिमरमैन्स ने भी रशिया से ईंधन सप्लाई बंद होने का बयान किया है। रशिया ने कई यूरोपिय देशों की ईंधन सप्लाई कम की हैं और महासंघ के १० सदस्य देशों ने आपातयोजना के पहले चरण का कार्यान्वयन शुरू करने का ऐलान किया। लेकिन, रशियन ईंधन सप्लाई पुरी तरह से बंद होने का खतरा अधिक बढ़ा हैं, ऐसी चेतावनी टिमरमैन्स ने दी। रशिया ईंधन का इस्तेमाल हथियार की तरह कर रही हैं, यह आरोप भी उन्होंने लगाया।

वैश्विक ईंधन क्षेत्र में रशिया का हिस्सा लगभग १० प्रतिशत हैं। कच्चा तेल और नैसर्गिक ईंधन वायु के अलावा रशिया कोयले का भी प्रमुख निर्यातक देश हैं। यूरोपिय महाद्वीप की कुल ३० प्रतिशत से भी अधिक ईंधन की माँग सीर्फ रशिया पुरी करती हैं। इसके लिए यूरोपिय महासंघ रशिया को हर वर्ष ४०० अरब युरो से भी अधिक राशि अदा करता है। जर्मनी जैसा प्रमुख देश रशियन ईंधन सप्लाई पर भारी मात्रा में निर्भर हैं। इसी वजह से यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साडे तीन महीने बाद भी यूरोपिय देश रशिया के ईंधन क्षेत्र पर पूरे प्रतिबंध नहीं लगा सके हैं। इस मुद्दे पर हम बेबस होने की बात जर्मन नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट की हैं।

इसी बीच, ईंधन वायु की सप्लाई कम करने से जर्मनी ने ईंधन क्षेत्र में ‘क्राइसिस’ निर्माण होने का ऐलान किया। जर्मनी में ईंधन वायु के आरक्षित भंड़ार फिलहाल ५८ प्रतिशत भरे हैं, फिर भी ठंड़ के मौसम तक यह ९० प्रतिशत तक भरने का लक्ष्य पूरा नहीं होगा, ऐसा इशारा जर्मन सरकार ने दिया। ईंधन सप्लाई में हुई यह कटौती यानी रशिया ने जर्मनी पर किया आर्थिक हमला हैं, ऐसा दावा जर्मनी के वाणिज्यमंत्री रॉबर्ट हैबेक ने किया।

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