तीसरां विश्वयुद्ध शुरू होने पर रशिया का पहला लक्ष्य होगा लंदन

- रशियन डिफेन्स कमिटी के सदस्यों की चेतावनी

मास्को – तीसरां विश्वयुद्ध शुरू हुआ तो सबसे पहले लंदन को लक्ष्य किया जाएगा, ऐसी चेतावनी रशिया की डिफेन्स कमिटी के सदस्य आंद्रे गुरुल्योव ने दी। विश्वयुद्ध शुरू होने के बाद रशिया किसी की भी परवाह किए बिना नाटो के सदस्य देशों पर हमलें करेगी और शत्रु के सभी उपग्रह एवं संपर्क यंत्रणा को नष्ट करेगी, ऐसी चेतावनी भी गुरुल्योव ने दी है। ऐसें में यूक्रेन को हथियार प्रदान कर रहीं अमरीका के यूक्रेन में स्थित राजदूत पर बम गिराने की माँग रशियन संसद की डिफेन्स कमिटी के उप-अध्यक्ष ने की है।

रशियन सेना ने पूर्व यूक्रेन के अहम शहरों पर कब्ज़ा किया हैं और अन्य कुछ शहरों पर रशियन सेना के जोरदार हमें हुए हैं। ऐसी स्थिति में अमरीका ने यूक्रेन को अरबों डॉलर्स के हथियार और अन्य सामान की आपूर्ति करने की तैयारी जुटाई हैं। ब्रिटेन एवं नाटो के सदस्य होनेवाले अन्य कुछ यूरोपिय देशों ने भी यूक्रेन की सहायता करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। इसके परिणाम गंभीर होंगे, ऐसी चेतावनी रशिया लगातार दे रही हैं। शनिवार को एक रशियन समाचार चैनल से रशिया की डिफेन्स कमिटी के सदस्य आंद्रे गुरुल्योव की यह चेतावनी जारी की गई।

जैसें ही तीसरां विश्वयुद्ध शुरू होता हैं, रशिया के लिए नाटो के सभी देश एकसमान होंगे और उनपर रशिया हावी हुए बिना नहीं रहेगी। इस दौरान रशिया का पहला लक्ष्य लंदन हो सकता हैं। क्यों कि, ‘एन्ग्लो – सैंक्शन’ से विश्व को सबसे अधिक खतरा होने का बयान गुरुल्योव ने किया हैं। साथ ही शत्रु के सभी उपग्रह नष्ट करके उनकी संपर्क यंत्रणा नाकाम करने की योजना रशिया की होगी, ऐसा गुरुल्योव ने आगे कहा। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के विश्वासू सहयोगी गुरुल्योव ने दी हुई यह चेतावनी यानी ब्रिटेन के लिए दी हुई धमकी ही हैं, ऐसा पश्चिमी माध्यमों का कहना हैं।

इसी बीच, यूक्रेन का संघर्ष शुरू हुआ तो यह तीसरें विश्वयुद्ध में तब्दिल होगा और इससे पूरा विश्व राख हो सकता हैं, ऐरा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और उनके सहयोगी लगातार कह रहे हैं। यह चेतावनी खोखली ना होने का अहसास दिलानेवाले कदम भी रशिया के नेताने उठाएँ हैं। इनमें परमाणु हथियारों का प्रदर्शन और इसके तैनाती की खबरों का समावेश हैं। रशिया की यह गतिविधियाँ दहलानेवाली हैं, फिर भी यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर अमरीका और नाटो के कुछ सदस्य देश पीछे हटने के लिए तैयार ना होने की बात दिख रही हैं। परमाणु युद्ध के खतरे का अहसास रखने उतनी प्रगल्भता नाटो का मौजूदा नेतृत्व नहीं रखता, ऐसी आलोचना भी रशिया ने की थी। लेकिन, इस बार सीधे लंदन को लक्ष्य करने की धमकी देकर तीसरें विश्वयुद्ध की भीषणता की पहली आग लंदन को महसूस होगी, ऐसी चेतावनी ही रशिया देती दिख रही हैं।

यूक्रेन की सहायता करने के लिए ब्रिटेन और अन्य पश्चिमी देश इतनी बड़ी कीमत चुकाने के लिए क्या तैयार हैं, ऐसा सवाल ही रशिया इस चेतावनी से देती दिख रही हैं।

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