मास्को – विशाल आकार के छह पोसायडन टोर्पेडो, लगभग १०० मेगाटन परमाणु विस्फोटकों से सज्जित ‘बेल्गोरोड’ पनडुब्बी रशिया की नौसेना में शामिल हुई। इससे छोड़े जानेवाले ड्रोन की वजह से शत्रु के तटीय क्षेत्र में किरणोत्सारी त्सुनामी का हमला करना संभव है, यह आरोप पश्चिमी देश लगा रहे हैं। इसकी वजह से बेल्कोरोड पनडुब्बी का रशियन नौसेना में शामिल होने से पश्चिमी देशों की नींद उड़ गई है।
साल २०१८ में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय माध्यमों के सामने आनेवाले समय में रशियन रक्षाबलों के हिस्से वाले ‘सुपरवेपन्स’ का ऐलान किया था। इनमें ‘पोसायडन टोर्पेडो’ एवं विश्व के सबसे बड़े आकार की ‘बेल्कोरोड’ पनडुब्बी एवं त्सुनामी निर्माण करने की क्षमता के ड्रोन्स का समावेश था। इनमें से ६०० फीट लंबी, ३० हज़ार टन भार की ‘बेल्गोरोड’ पनडुब्बी’ इन टोर्पेडो और ड्रोन्स से सज्जित होगी, यह जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय ने साझा की थी।
रशिया की यह पनडुब्बी और टोर्पेडो पश्चिमी विश्लेषकों को ड़रानेवाले हैं। इस पनडुब्बी के समावेश से रशिया का समावेश विश्व के सबसे संहारक नौसेना में हो सकता है, यह दावा पश्चिमी माध्यमों ने किया था।
इसी बीच, यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरोप में तनाव निर्माण हुआ है और ऐसी स्थिति में रशिया इस पनडुब्बी को अपनी नौसेना में शामिल करके अमरीका और नाटो को इशारा देती दिख रही है।
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