डोन्बास क्षेत्र में रशिया आगे बढ़ते समय, अमरीका समेत पश्चिमी देशों द्वारा युक्रेन की शस्त्रसहायता बढ़ाने के संकेत

शस्त्रसहायता

वॉशिंग्टन/मॉस्को/किव्ह – रशिया की लष्करी मुहिम के उद्देश्य केवल डोन्बास तक ही सीमित ना होकर, दक्षिणी युक्रेन तथा अन्य भागों में भी हमलें किये हायेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने हाल ही में दी थी। रशिया ऐसी अपनी मुहिम की व्याप्ति बढ़ा रहा है कि तभी अमरीका समेत अन्य पश्चिमी देशों ने युक्रेन की शस्त्रसहायता को अधिक बढ़ाने के संकेत दिये। बुधवार को संपन्न हुई ‘युक्रेन कॉन्टैक्ट ग्रुप’ की बैठक में इस संदर्भ में घोषणा की गयी। कुछ ही दिन पहले युक्रेन के रक्षामंत्री अलेक्सी रेझ्निकोव्ह ने, पश्चिमी रक्षा कंपनियाँ उनके नये हथियार तथा यंत्रणाओं का परीक्षण युक्रेन में करें, ऐसा आवाहन किया होने की बात भी सामने आयी है।

शस्त्रसहायता

पूर्वी युक्रेन के डोन्बास भाग के लुहान्स्क प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त करने के बाद रशिया ने डोनेत्स्क में ज़बरदस्त हमला शुरू किया है। पिछले हुछ दिनों से लगातार सिव्हेर्स्क, बाखमत तथा स्लोव्हियान्स्क शहरों पर क्षेपणास्त्र, रॉकेट्स और तोपों की सहायता से हमले किये गये। रशियन लष्करी टुकड़ियाँ सिव्हेर्स्क में प्रवेश करने में सफल साबित हुईं होकर, बाखमत शहर के पास के कुछ भागों पर भी नियंत्रण प्राप्त किया होने की जानकारी रशिया के रक्षा विभाग ने दी। लेकिन रशियन हमलें इतने तक ही सीमित ना होकर, दक्षिणी युक्रेन के मायकोलेव्ह तथा ओडेसा के पास भी रशिया ने क्षेपणास्त्र हमले किये हैं। उत्तरी तथा मध्य युक्रेन के कुछ शहरों का भी रशियन हमले से नुकसान हुआ है। इन हमलों में बड़े पैमाने पर जीवित तथा मालमत्ता हानि होने का दावा युक्रेन सरकार ने किया।

रशिया ने हमलों की व्याप्ति बढ़ाने के कारण युक्रेन समेत पश्चिमी देशों में बेचैनी पैदा हुई है। युक्रेन ने रशियन मोरचे को झटका देने के लिए प्रतिहमलें शुरू किये हैं। इन प्रतिहमलों की तीव्रता बढ़ाने के लिए युक्रेन ने पश्चिमी देशों के पास फिर से अतिरिक्त शस्त्रों की माँग की है। अमरीका, ब्रिटेन और युरोपीय महासंघ ने इस माँग को प्रतिसाद दिया होकर, अतिरिक्त शस्त्रसहायता का ऐलान किया।

शस्त्रसहायता

अमरीका द्वारा युक्रेन को चार अतिरिक्त ‘हायमार्स सिस्टिम्स’ प्रदान की जानेवालीं हैं। युरोपीय महासंघ ने युक्रेन को 50 करोड़ डॉलर्स की नयी रक्षासहायता घोषित की। वहीं, ब्रिटेन ने रॉकेट सिस्टिम्स समेत अन्य सहायता के संकेत दिये हैं। इसी पृष्ठभूमि पर, अमरीका के दौरे पर होनेवालीं युक्रेन की ‘फर्स्ट लेडी’ ओलेना झेलेन्स्की ने अमरिकी संसद में किये भाषण में ‘एअर डिफेन्स सिस्टिम्स’ की माँग की होने की ख़बर सामने आयी।

इसी बीच, दो दिन पहले क्रिमिआ के मुद्दे को लेकर युक्रेन को चेतावनी देनेवाले पूर्व रशियन राष्ट्राध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव्ह ने नयी चेतावनी दी। ‘नाटो तेज़ी से रशियन सीमा के नज़दीक आ रहा है, जिसमें से वास्तविक विश्वयुद्ध भड़कने का ख़तरा है। रशिया ने युक्रेन पर किया आक्रमण और पश्चिमियों ने दिया प्रत्युत्तर इससे युक्रेन अपनी सार्वभौमिकता खो देगा और दुनिया के नक्शे से ग़ायब हो जायेगा’, ऐसी चेतावनी मेदवेदेव्ह ने दी।

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