वॉशिंग्टन/किव/मास्को – पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के लिए मुहैया किए हथियारों में से केवल ३० प्रतिशत हथियार यूक्रेन के रक्षाबल के हाथ लग रहे हैं, यह वृत्त हाल ही में प्रसिद्ध हुआ था। अमरिकी माध्यमों ने यह खबर जारी करने के कुछ दिनों बाद अमरीका के रक्षा विभाग ने यूक्रेन को एक अरब डॉलर्स का नया रक्षा सहयोग प्रदान करने का ऐलान किया है। इसी बीच, ज़ौपोरिज़िया में स्थित परमाणु प्रकल्प से संबंधित हमलों का विवाद अधिक तीव्र हुआ है और यूक्रेन पर हो रहे यह हमले पूरे यूरोपीय महाद्वीप को बंधक बनानेवाले हैं, यह आरोप रशिया ने लगाया।
रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने लगभग हर हफ्ते यूक्रेन के लिए हथियार प्रदान करने के नए ऐलान किए हैं। पिछले साल से अमरीका ने यूक्रेन को तकरीबन ९ अरब डॉलर्स के हथियारों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है। सोमवार को घोषित की हुई सहायता अब तक की सबसे बड़ी सहायता होने की बात कही जा रही है। इसमें हायमर्स रॉकेट सिस्टम के लिए अतिरिक्त रॉकेटस्, नैसैम्स मिसाइल यंत्रणा के लिए नए मिसाइल्स, ५० बख्तरबंद गाड़ियां, २० ‘१२० एमएम मॉर्टर सिस्टम्स’, ७५ हज़ार तोप के गोले, २० हज़ार मॉर्टर्स, ‘एटी-४ एंटी आर्मर सिस्टम्स’, ‘सी ४’ विस्फोटक और वैद्यकीय सहायता का समावेश है। रक्षा सहायता के बाद अमरीका के कोषागार विभाग ने यूक्रेन को तीन अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी ऐलान किया है।
अमरीका से प्राप्त हो रहे हथियारों के जोर पर यूक्रेन दक्षिण यूक्रेन में जवाबी हमलों का अभियान अधिक आक्रामकता से आगे बढ़ा सकेगा, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं। लेकिन, अमरीका से हथियारों की सहायता बढ़ रही है और इसी बीच रशिया ने भी अपने हमलों की तीव्रता बढ़ाई है। सोमवार से रशियन सेना ने डोन्साबस के सोलेदार पिस्की और बाखमत में जोरदार हमले करके कुछ हिस्से पर कब्ज़ा पाकर सफलता हासिल की, यह जानकारी रक्षा विभाग ने प्रदान की। रशियन सेना ने एक के बाद एक लगातार हमले शुरू करने का दावा यूक्रेन ने किया है।
इसी बीच ज़ौपोरिज़िया के परमाणु प्रकल्प पर हो रहे हमलों का मुद्दा अधिक बिगड़ा है। यूक्रेन की सेना इस परमाणु प्रकल्प के करीब लगातार हमले कर रही है, यह आरोप रशिया ने लगाया। यह हमले काफी खतरनाक हैं और इसके गंभीर परिणाम यूरोप को भुगतने पडेंगे, ऐसी चेतावनी रशिया के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने दी। यूक्रेन की सहायता कर रहे देशों ने इन हमलों को रोकने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाना होगा, यह माँग भी पेस्कोव ने की। यूक्रेन ने रशिया के आरोप ठुकराए हैं और यह भी दावा किया कि, रशिया ने इस प्रकल्प को सैन्य ठिकाने में तब्दील किया है।
परमाणु प्रकल्प के मुद्दे का विवाद अधिक बढ़ने के बीच में ही रशिया ने अमरीका के साथ ‘न्यू स्टार्ट ट्रीटि’ जैसे अहम समझौते से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह बताकर समझौते का अहम प्रावधान स्थगित किया जा रहा है, ऐसा रशिया ने कहा। इसके अनुसार अगले कुछ समय के लिए अमरीकी यंत्रणा को रशिया के ‘न्युक्लियर मिलिटरी साईटस्’ पर जाना मुमकिन नहीं होगा।
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