पश्‍चिमी देश यदि हद से अधिक बाहर धकेलने की कोशिश करते हैं तो रशिया आत्मरक्षा के लिए परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करेगी

- पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव की चेतावनी

परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल

मास्को – पश्‍चिमी देशों ने रशिया को हद से बाहर धकेलने की कोशिश की तो आत्मरक्षा के लिए रशिया यूक्रेन के विरोध में परमाणु अस्रों का इस्तेमाल करेगी, ऐसी चेतावनी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने दी। ‘यूक्रेन पर परमाणु हमला किया तो अमरीका और नाटो इसपर प्रत्युत्तर नहीं देंगे, क्यों कि उन्हें परमाणु विनाश का ड़र है। अमरीका और ब्रिटेन परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर रशिया को धमकाने से अधिक कुछ नहीं कर सकते’, एसी फटकार भी मेदवेदेव ने लगायी। मेदवेदेव परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे हैं तभी तुर्की ने यह दावा किया है कि, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

परमाणु

यूक्रेन के जवाबी हमलों के कारण रशियन सेना को खार्किव से पीछे हटना पड़ा था। लेकिन, इसके बाद रशिया अधिक आक्रामक हुई हैं और हमलों की तीव्रता भी बढ़ाई हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी अधिक सख्त भूमिका अपनाई हैं और परमाणु हमले की चेतावनी देने के साथ ही नई तैनाती की गतिविधियाँ भी शुरू की हैं। साथ ही यूक्रेन का जीता हिस्सा रशिया को जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हुई हैं। सार्वमत के नतीज़े जल्द ही घोषित हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन ने भी रशिया ने नियंत्रण पाए क्षेत्र का अधिक से अधिक हिस्सा कब्ज़े में करने की चेतावनी दी है।

रशिया ने यूक्रेन के डोन्बास क्षेत्र के हिस्सा रहें लुहान्स्क और डोनेत्स्क के साथ खेर्सन एवं झैपोरिझिआ पर कब्ज़ा प्राप्त किया हैं। यह क्षेत्र रशिया से जोड़ने के बाद इसकी सुरक्षा के लिए परमाणु अस्त्र तैनात करने के संकेत रशियन हुकूमत ने दिए थे। इसपर अमरीका ने तीव्र परिणामों की चेतावनी दी थी। लेकिन, मेदवेदेव ने इस चेतावनी को ठुकराकर परमाणु हमले की धमकी दोहरायी हैं। ‘रशिया के लिए बना खतरा हद से आगे गया और रशिया के अस्तित्व पर संकट टूटा तो यूक्रेन के विरोध में परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल करने से हम हिचकिचाएँगे नहीं’, ऐसी धमकी मेदवेदेव ने दी।

परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल

‘सीर्फ अपना ही सुननेवाले अपने बहरे कानों को हम याद दिला रहे हैं। आवश्‍यकता महसूस होने पर रशिया को परमाणु अस्त्रों काइस्तेमाल करने का पूरा अधिकार हैं। रशिया की नीति के अनुसार और ज़रूरत महसूस होने पर पहले से तय घटनाओं में परमाणु अस्त्रों का इस्तेमाल किया जाएगा’, ऐसा इशारा पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने दया। हमारा बयान खोखला नहीं हैं, इसका अहसास रखें, यह भी मेदवेदेव ने कहा हैं। यूक्रेन पर परमाणु हमला हुआ तो नाटो का गठबंधन इसपर एक्शन लेने की संभावना नहीं, क्यों कि इन देशों को परमाणु विनाश का ड़र हैं, यह दावा भी रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

इसी बीच, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष यूक्रेन की हुकूमत के साथ फिर से चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं, ऐसा तुर्की के विदेशमंत्री ने कहा हैं। पुतिन और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की ‘एससीओ’ बैठक के दौरान इस मुद्दे पर बातचीत हुई, ऐसा विदेशमंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा हैं। रशिया के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बयान की पुष्टी की हैं। पुतिन ने बातचीत के लिए रशिया तैयार होने की बात कही थी, यह खुलासा पेस्कोव ने किया।

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