मास्को/बर्लिन/किव – ‘पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को लगातार भारी मात्रा में हो रही हथियारों की आपूर्ति काफी खतरनाक बात है। इसकी वजह से यह संघर्ष पूरी तरह से अलग स्तर पर जा सकता है, यह बात यूरोपियन और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी अच्छी नहीं होगी’, ऐसी सख्त चेतावनी रशिया के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने दी। अमरीका में रशिया के राजदूत एनातोली एन्टानोव ने भी आक्रामक भूमिका अपनाते हुए इशारा दिया कि, कितने भी हथियारों की आपूर्ति की जाए तब भी रशिया को पराजित करना मुमकिन नहीं है। शुक्रवार को जर्मनी में यूक्रेन को हथियार प्रदान करने वाले देशों की बैठक हुई। इस पृष्ठभूमि पर रशिया का तीव्र बयान सामने आया है।
शुक्रवार को जर्मनी में स्थित अमरीका के ‘रैम्स्टेन एअरबेस’ पर यूक्रेन को हथियार प्रदान कर रहे ‘डिफेन्स कौन्ट्रैक्ट ग्रूप’ की बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की और रक्षामंत्री ओलेक्सी रेझ्निकोव ने फिर से ज्यादा हथियार देने की मांग की।
यूक्रेन को अधिकाधिक हवाई सुरक्षा यंत्रणा, टैंक, तोप के लिए जरुरी सामान की आवश्यकता है, यह भी इस दौरान कहा गया। इस दौरान अमरीका ने रशिया फिर से नए हमले की तैयारी कर रही है, यह कहकर यूक्रेन को अधिक हथियार देने की ज़रूरत होने का मुद्दा पेश किया। तथा जब तक यूक्रेन को ज़रूरत है तब तक अमरीका हथियारों की आपूर्ति जारी रखेगी, यह गवाही भी दी।
शुक्रवार की बैठक से पहले अमरीका ने यूक्रेन को ढ़ाई अरब डॉलर्स के हथियारों की सहायता देने का ऐलान किया। इसमें ‘स्ट्राईकर टैंक’, ‘ब्रैडले आर्मर्ड वेहिकल’, ‘हायमार्स रॉकेटस्’ एवं अन्य रक्षा सामान का समावेश है। इस ऐलान के बाद अमरीका ने यूक्रेन को प्रदान किए हथियारों का मूल्य २६.७ अरब डॉलर्स हुआ है।
अमरीका से नए हथियारों की सहायता का ऐलान हो रहा था तभी ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को ६०० ‘प्रिसिजन गाइडेड ब्रिम्स्टोन मिसाइल्स’ देने का ऐलान किया है। इसी बीच फिनलैण्ड ने यूक्रेन को ४० करोड़ युरो के नए हथियार देने का ऐलान किया। लेकिन, यूक्रेन को टैंक प्रदान करने के मुद्दे पर अमरीका और जर्मनी के बीच निर्माण मतभेद इस बैठक में भी कायम होने की बात सामने आयी।
पश्चिमी देशों द्वारा हथियारों की नई सहायता प्रदान करने को लेकर रशिया की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी है। पश्चिमी देशों की इस नई आपूर्ति से स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। रशिया अपने उद्देश्य निश्चितरूप से पाएगी। अधिक हथियार प्रदान करने का प्रभाव नकारात्मक ही पडेगा। नए हथियारों की वजह से यूक्रेन की समस्या अधिक बढ़ेगी। कुछ बड़े बदलाव होंगे, ऐसा चित्र दिखाकर यूक्रेन की शस्त्र सहायता बढ़ाई गई है। लेकिन, यह दावे फिजूल हैं’, ऐसा बयान रशियन सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने किया है।
पश्चिमी देशों ने प्रदान किए हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन ने क्रिमिया पर हमला करने के लिए किया तो रशिया मुंहतोड़ प्रत्युत्तर देगी। नाटो यूक्रेन को चाहे कितने भी हथियार प्रदान कर तब भी रशिया सारे हथियार तबाह किए बिना नहीं रहेगी। रशिया को हराना मुमकिन नहीं है, ऐसा इशारा अमरीका में स्थित रशियन राजदूत एनातोली एन्टानोव ने दिया। इसी बीच अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआईए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने कुछ दिन पहले यूक्रेन की यात्रा करने का वृत्त सामने आया है। इस दौरान गोपनीय बैठक में रशिया के संभावित ‘स्प्रिंग ऑफेन्सिव’ पर चर्चा हुई, यह जानकारी माध्यमों ने प्रदान की है।
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