विश्व व्यापक युद्ध की ओर बढ़ रहा है

- संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र संघ – विश्व निद्रावस्था में व्यापक युद्ध की खाई की ओर बढ़ रहा है, यह ड़र हमे सता रहा है, ऐसा बयान संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने किया है। यूक्रेन युद्ध के अलावा दुनियाभर में अन्य ठिकानों पर जारी गतिविधियों का दाखिला देकर गुतेरस ने यह चिंता जताई। विश्व के सामने एकसाथ कई चुनौतियां निर्माण हुई हैं और यह स्थिति व्यापक युद्ध में तब्दील हो सकती है, इसका अहसास गुतेरस ने कराया। साल २०२३ के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की प्राथमिकताओं की जानकारी देते हुए गुतेरस ने यह खतरा रेखांकित किया।

व्यापक युद्ध

दो हफ्तों बाद यूक्रेन युद्ध को एक वर्ष पूरा होगा। पूरा साल चले इस युद्ध में बड़ा नुकसान हुआ है। लेकिन, २४ फ़रवरी से रशिया अधिक तीव्रता से यूक्रेन पर हमले करेगी और इससे यूक्रेन का काफी बड़ा नुकसान होगा, यह दावा किया जा रहा है। रशिया ने काफी पहले इसके इशारे दिए थे। यूक्रेन पर रशिया के हमलों की तीव्रता बढ़ने के बाद पश्चिमी देश यूक्रेन को सहायता प्रदान करते-करते इस युद्ध में खींचे जाएंगे, ऐसी चेतावनी सामरिक विश्लेषक दे रहे हैं। रशियन सेना यूक्रेनी सेना से नहीं बल्कि, नाटो की सेना से यूक्रेन में लड़ रही है, ऐसा आरोप रशिया ने लगाया है। साथ ही नाटो ने यूक्रेनी सेना को प्रगत शस्त्र प्रदान करके रशिया के खिलाफ युद्ध में प्रवेश किया है, यह आरोप भी रशिया ने लगाया। इसकी कीमत चुकानी पडेगी, ऐसा इशारा रशिया ने अमरीका समेत नाटो के अन्य सदस्य देशों को भी दिया था।

व्यापक युद्ध

सीधे ज़िक्र नहीं किया गयाम फिर भी, इन गतिविधियों का अस्पष्ट दाखिला देकर संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने ‘व्यापक युद्ध’ की चेतावनी दी। विश्व निद्रावस्था में व्यापक युद्ध की ओर बढ़ रहा है, ऐसी चिंता हमें सता रही है, यह कहकर गुतेरस ने सावधानता का इशारा दिया है। रशिया और यूक्रेन में शांति स्थापित होने की जरुरत है। लेकिन, फिलहाल शांति स्थापित होने की संभावना धुंधली हो रही है, इस सच्चाई का अहसास भी गुतेरस ने कराया।

सिर्फ रशिया और यूक्रेन का युद्ध ही नहीं, बल्कि इस्रायल-पैलेस्टिन विवाद की तीव्रता भी बढ़ रही है और अफ़गानिस्तान में बेटियों और महिलाओं के अधिकार छीने जा रहे हैं। इस देश में लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। म्यांमार में हिंसा की नई लहर उठी है। अपराधिक गिरोहों को हैती को बंधक बनाया है और इस देश पर उसी का राज है। अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति गंभीर बनी हैं, यह कहकर विश्व के सामने खड़े खतरनाक संकटों की सूचि भी गुतेरस ने पढ़ी।

ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ शांति का पुरस्कार करके नया एजेन्डा चलाएगा, यह दावा गुतेरस ने किया। महासचिव इस तरह के दावे कर रहे है, फिर भी शांति स्थापित करने में और युद्ध रोकने में संयुक्त राष्ट्र संघ को सफलता हासिल नहीं हुई है, इस मुद्दे पर विश्लेषक लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। भारत जैसा देश तो संयुक्त राष्ट्र संघ की रचना दूसरे विश्व युद्ध के बाद के समय की है और इस पुरानी रचना को बदलने की ज़रूरत होने का इशारा लगातार दे रहा है। इसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ प्रभावहीन होने का आरोप भारत ने लगाया है और इस पर अन्य देशों का समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से व्यापक युद्ध की संभावना जताकर और इस पर चिंता जताकर भी शांति का पुरस्कार करने वाला एजेन्डा चलाने की क्षमता राष्ट्र संघ में नहीं रहा, यह सामने आ रहा है। इसी कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने व्यक्त की हुई चिंता अधिक ड़रावनी बात सबनती है।

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