बाखमत के पूर्वीय हिस्से पर ‘वैग्नर ग्रूप’ ने कब्ज़ा पाने का दावा

मास्को/किव – डोन्बास क्षेत्र के बाखमत शहर के पूर्वीय हिस्से पर रशिया की निजी सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रूप’ ने कब्ज़ा किया है। ‘वैग्नर ग्रूप’ के प्रमुख येवगेनी प्रिगोज़िन ने दावा करते हुए यह मोर्चा हम जीतकर ही दिखाएंगे, ऐसा ऐलान भी किया है। रशिया के इस बयान पर यूक्रेन की प्रतिक्रिया सामने आयी है। रशिया ने बाखमत पर कब्ज़ा किया तो रशियन सेना के लिए पूर्व यूक्रेन का मार्ग खुल जाएगा, यह ड़र राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने जताया। रशिया के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगू ने भी बाखमत पर कब्ज़ा करने से रशियन सेना को यूक्रेन में आगे बढ़ना मुमकिन होगा, यह दावा हाल ही में किया था।

‘वैग्नर ग्रूप’

नमक और जिप्सम की खदानों के लिए प्रसिद्ध बाखमत शहर सामरिक नज़रिये से बड़े अहम स्थान पर बसा है। पूर्व यूक्रेन के कई शहरों को जोड़नेवाले मार्ग बाखमत से ही गुजरते हैं। इसकी वजह से बाखमत रशिया के हाथ में आने पर पूर्व यूक्रेन के शहरों पर हमले करना रशिया के लिए कुछ हद तक आसान हो सकता है। बाखमत पर कब्ज़ा करने के बाद रशिया चैसिव यार, स्लोविआन्स्क और क्रैमाटोर्स्क शहरों पर भी हमले कर सकती है। इसके प्रभाव में यूक्रेन को डोनेत्स्क के साथ डोन्बास का नियंत्रण भी खोना पड़ सकता है। इसकी वजह से रशिया और यूक्रेन दोनों ने बाखमत की जंग काफी प्रतिष्ठा की बनाई दिखाई दे रही है।

‘वैग्नर ग्रूप’

इससे पहले अगस्त में रशियन सेना ने बाखमत पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी। लेकिन, वह सफल नहीं हो पाई थी। लेकिन, पिछले दो महीनों में रशिया ने बाखमत को प्राथमिकता देते हुए शहर के अधिकांश हिस्से पर कब्ज़ा करने में सफलता हासिल की है। ‘वैग्नर ग्रूप’ का यह दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘वैग्नर ग्रूप’ के प्रमुख प्रिगोज़िन ने ऑडियो एवं वीडियो संदेश के ज़रिये पूर्व बाखमत अपने कब्ज़े में होने का बयान बड़े ड़टकर किया। इसके साथ ही अगले कुछ समय में ‘वैग्नर ग्रूप’ पूरा बाखमत कब्ज़े में करेगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया।

‘वैग्नर ग्रूप’

प्रिगोज़िन के दावे की पृष्ठभूमि पर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि, बाखमत को नहीं छोड़ेंगे। यूक्रेन की रणनीतिक योजनाओं के नज़रिये से बाखमत की अहमियत है, ऐसा ज़ेलेन्स्की ने कहा है। बाखमत के बाद रशियन सेना पूर्व यूक्रेन में अधिक आक्रामकता से आगे बढ़ सकती है और इसी वजह से हमारे जवान आज बाखमत में पैर गाडे खड़े हैं, इस पर ज़ेलेन्स्की ने ध्यान आकर्षित किया।

लेकिन, पश्चिमी विश्लेषकों ने दावा किया है कि, यूक्रेन द्वारा बाखमत की जंग पर बेवजह जोर दिया जा रहा है। यूक्रेन को अपनी सेना और सैन्य स्रोत अगले हमलों के लिए बचाने पडेंगे, इसका अहसास अमरिकी विश्लेषक माइकल कॉफमन ने कराया। नाटो प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने भी कहा है कि, अगले कुछ ही दिनों में बाखमत रशियन सेना के हाथ लग सकता है। लेकिन, यह युद्ध का निर्णायक क्षण नहीं होगा, यह दावा भी उन्होंने किया।

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