सदस्यता बहाल होने से पहले ही नाटो स्वीडन में सैन्य तैनाती कर सकती है

- प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन का ऐलान

स्टॉकहोम – अगले महीने आयोजित हो रही नाटो की बैठक में स्वीडन की सदस्यता को लेकर अनिश्चितता बनी है और इसी बीच स्वीडन सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाने वाला ऐलान किया है। नाटो का हिस्सा होने से पहले ही स्वीडन में नाटो सैन्य तैनाती करना शुरू करेगी, ऐसा स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने घोषित किया। यह निर्णय रशिया को संदेश देता है, यह दावा भी प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन ने किया है। दो दिन पहले ही नाटो के पूर्व प्रमुख एंडर्स रासमुसेन ने कुछ नाटो सदस्य देश स्वतंत्र गठबंधन करके यूक्रेन में फौज भेज सकते हैं, ऐसा दावा किया था।

सैन्य तैनाती, नाटो

जुलाई महीने में लिथुआनिया में नाटो की अहम बैठक आयोजित हो रही है। इस बैठक से पहले स्वीडन का नाटो में समावेश हो, इसके लिए अमरीका और नाटो ने पहल की है। कुछ दिन पहले ऑस्लो में नाटो के विदेश मंत्री की बैठक हुई। इस बैठक में भी स्वीडन की सदस्यता का मुद्दा एजेंडा पर था। लेकिन, तुर्की के विदेश मंत्री इस बैठक के लिए उपस्थित नहीं थे। बैठक से पहले अमरिकी विदेश मंत्री ने तुर्की से गुहार लगाने की बात भी सामने आयी थी। तुर्की ने स्वीडन को नाटो में शामिल करने को लेकर जताई आपत्ति हटाई तो जुलाई की परिषद से पहले स्वीडन नाटो का सदस्य होगा, ऐसा बयान अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने किया था।

सैन्य तैनाती

लेकिन, नाटो और अमरीका की तुर्की से हुई चर्चा कामयाब नहीं हुई। इस वजह से स्वीडन जुलाई महीने में नाटो सदस्य होने की संभावना अस्पष्ट हुई है। लेकिन, सदस्यता प्राप्त नहीं हुई तो भी नाटो से सहयोग करने के लिए स्वीडन ने पहल की है। स्वीडन की सेना को नाटो सदस्य देशों के साथ संयुक्त अभियान चलाने के लिए आवश्यक तैयारी करने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही ज़रूरत महसूस होने पर नाटो के सैन्य दल और हथियार स्वीडन के अड्डों पर तैनात करने के लिए स्वीडन तैयार हैं, यह प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन ने घोषित किया।

बाल्टिक समुद्र में स्थित स्वीडन का क्षेत्र रशिया के ‘कैलिनिनग्राड’ रक्षा अड्डे के करीब है। इसके मद्देनज़र स्वीडन में तैनाती करके अमरीका और नाटो रशिया को अधिक घेरने की कोशिस करेंगे, यह समझा जा रहा है। स्वीडन से पहले नाटो की सदस्यता प्राप्त किए फिनलैण्ड ने पहले ही नाटो की सैन्य तैनाती के लिए अनुमति दर्शायी है और इसके लिए ज़रूरी गतिविधियां शुरू होने की बात भी कही जा रही है।

इसी बीच, नाटो के पूर्व प्रमुख एंडर्स रासमुसेन ने नाटो के कुछ सदस्य देश यूक्रेन में सैन्य तैनाती के लिए तैयार होने का दावा किया। जुलाई महीने में नाटो की बैठक में यूक्रेन को सुरक्षा को लेकर पुख्ता गारंटी नहीं मिली तो पोलैण्ड के साथ कुछ नाटो सदस्य देश अपनी फौज यूक्रेन में तैनात करेंगे, ऐसा रासमुसेन ने कहा है।

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