वॉशिंग्टन/मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी से असर खतरा है, ऐसी चेतावनी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दी। दो दिन पहले ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के बेड़े में नाटो सदस्य देशों से अधिक परमाणु अस्त्र हैं, इसका अहसास भी उन्हें हैं, इन शब्दों में आगाह किया। इससे पहले रशिया ने अपने ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ की तैनाती बेलारूस में करना शुरू किया है, यह ऐलान भी पुतिन ने किया है।
रशिया के प्रभावी क्षेत्र के देशों को नाटो में शामिल करने की कोशिश हो रही है। फिनलैण्ड को नाटो की सदस्यता प्रदान हुई है और जल्द ही स्वीडन भी नाटो का हिस्सा होगा, ऐसे संकेत प्राप्त हुए हैं। इन देशों में नाटो के सैनिक, उन्नत हवाई सुरक्षा यंत्रणा, मिसाइल और परमाणु अस्त्रों की भी तैनाती होगी।
हमारी सीमा से जुड़े देशों में हो रही यह सैन्य तैनाती हमें लक्ष्य करने के लिए ही है, यह आरोप रशिया ने लगातार लगाया है। इस तैनाती पर रशिया उसी भाषा में ही प्रत्युत्तर देगी, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी थी। इसके अनुसार रशिया ने बेलारूस में ‘टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स’ तैनात करने का ऐलान किया था।
इसपर अमरीका और नाटो की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी थी। रशिया का यह निर्णय गैरज़िम्मेदाराना और लापरवाही का है और अमरीका को इसका संज्ञान लेना ही होगा, ऐसी चेतावनी व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने दी थी। रशियन परमाणु हथियारों की गतिविधियों पर अमरीका की नज़र बनी है, यह इशारा भी अमरीका ने दिया। इसके बाद अब राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भी इसका संज्ञान लेकर रशियन परमाणु हथियारों के खतरे को लेकर चिंता जताई है।
इसी बीच, नाटो की सदस्यता पाने की कोशिश कर रहे स्वीडन ने यह ड़र व्यक्त किया है कि, रशिया हमपर परमाणु हमला कर सकता है। स्वीडन के संसदीय समिती ने हाल ही में एक रपट जारी की है। इसमें रशिया के हमलों के बढ़ते खतरे के साथ संभावित हमले का ज़िक्र भी है। स्वीडन पर हमला होने की संभावना को नाकारा नहीं जा सकता और इन हमलों के लिए परमाणु अस्त्र का भी प्रयोग हो सकता है, ऐसी चिंता स्वीडन की रपट में व्यक्त की गई है।
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