अमरीका-चीन ‘चिप्स वॉर’ तीव्र होने के संकेत

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमरीका ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में चीन की बढ़त को चुनौती देने की जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। अमरीका समेत पश्चिमी देशों की उन्नत प्रौद्योगिकी चीन के हाथ ना लगे, इसके लिए नए प्रावधान किए गए हैं। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी चीन से सहयोग करने से रोका जा रहा हैं। अमरीका की इन गतिविधियों के प्रत्युत्तर में चीन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए ज़रूरी दो दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। चीन की हरकतों के कारण पिछले कुछ सालों से हो रहा अमरीका-चीन ‘चिप्स वॉर’ अधिक तीव्र होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

‘चिप्स वॉर’

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यह आरोप लगाए थे कि, चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत, चीनी कंपनियां और अन्य माध्यमों से अमरिकी प्रौद्योगिकी एवं अन्य संसधानों की लूट कर रहे हैं। ट्रम्प ने चीन विरोधी व्यापार युद्ध शुरू करके इसके विरोध में कार्रवाई भी की थी। कोरोना के दौर में चीन ने लगाए प्रतिबंधों की वजह से पश्चिमी कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा था। इसके मद्देनज़र पश्चिमी कंपनियों ने चीन पर बनी निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया था। अमरीका के बायडेन प्रशासन ने नया कान करके प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अमरिकी कंपनियों को अमरीका में ही निवेश एवं उत्पादन करने का आवाहन किया था।

‘चिप्स वॉर’

साथ ही यूरोप और एशिया के मित्र देशों की सहाया से चीन विरोधी गूट बनाया गया है और चीनी कंपनियों पर भी कार्रवाई करना शुरू किया गया है। इस वजह से उन्नत प्रौद्योगिकी के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वर्चस्व पाने की चीन ने रखी मंशा को बड़ा झटका लगा है। उन्नत चिप्स बनाने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी एवं यंत्र देने से हुए इन्कार के कारण इस क्षेत्र में चीन पीछे छुटा है। इससे कम्युनिस्ट हुकूमत में बेचैनी हैं और अब अमरीका के साथ पश्चिमी देशों को सबक सिखाने की मांग तीव्र हुई है।

चीन के वाणिज्य विभाग ने किया नया निर्णय उसी का हिस्सा समझा जाता है। इस निर्णय के अनुसार सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए ज़रूरी गैलिअम और जर्मेनिअम जैसे दो दुर्लभ खनिजों की निर्यात पर अगस्त महीने से प्रतिबंध लागू होंगे। सुरक्षा और राष्ट्रीय हितसंबंधों के नज़रिये से यह निर्णय करने की बात चीन के वाणिज्य विभाग ने अपने निवेदन से स्पष्ट की है। ऐसे में चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इस निर्णय को अमरीका के लिए ‘फर्स्ट वॉर्निंग’ बताया हैं। चीन के पूर्व मंत्री वेई जिआंगुओ का दाखिला देकर नए प्रतिबंध यानी बड़ा जोरदार मुक्का है, यह भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने लेख में कहा हैं।

गैलिअम और जर्मेनिअम खनिजों का इस्तेमाल सेमीकंडक्टर क्षेत्र के साथ दूरसंचार एवं सैन्य सामान के निर्माण में होता हैं। विश्व के दुर्लभ खनिजों का कुल ८० प्रतिशत भंड़ार चीन में होने की बात कही जाती है।

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