अफ्रीकी और पश्चिमी देशों की कार्रवाई नाकाम करने के लिए नाइजर की सेना ने सहायता के लिए रशिया के ‘वैग्नर ग्रुप’ से गुहार

- पश्चिमी माध्यमों का दावा

नियामे/मास्को – नाइजर में जनतांत्रिक हुकूमत फिर से स्थापीत करने के लिए मुहैया किया अवधि रविवार को खत्म होने के बाद नाइजर पर सैन्य कार्रवाई करने की चेतावनी पश्चिम अफ्रीकी देशों ने दी है। साथ ही फ्रेंच सेना ने नाइजर का अड्डा छोड़ने से इनकार किया है और अमरीका ने नाइजर की सहायता रोक दी है। इस पृष्ठभूमि पर अफ्रीकी देशों के साथ पश्चिमी देशों का नाइजर पर हमला होने की संभावना बढ़ी है। इसके मद्देनज़र नाइजर की सेना ने रशिया के ‘वैग्नर ग्रुप’ से सहायता मांगने की जानकारी सामने आयी है।

नाइजर

‘फ्रान्स २४’ एवं ‘असोसिएटेड प्रेस’ जैसे पश्चिमी माध्यमों ने इससे संबंधित वृत्त प्रसिद्ध किया है। पिछले हफ्ते नाइजर के वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने माली का दौरा किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी जनरल सलिफौ मॉडि ने माली में ‘वैग्नर ग्रुप’ के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान हुई चर्चा में जनरल मॉडि ने ‘वैग्नर ग्रुप’ से नाइजर में अपनी तैनाती करने की मांग रखने की बात कही जा रही है। माली एवं फ्रान्स के सूत्रों ने इस वृत्त की पुष्टि की है।

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रशिया में कुछ हफ्ते पहले ही ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येव्गेनी प्रिगोझिन ने सशस्त्र विद्रोह किया था। इस विद्रोह के बाद ‘वैग्नर ग्रुप’ के सैकड़ों सैनिक अफ्रीका पहुंचने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था। अफ्रीका के माली एवं ‘सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक’ में वैग्नर ग्रुप’ के सैनिक भारी मात्रा में तैनात हैं और इन देशों में रशियन निजी सैन्य कंपनी ने अपने अड्डे भी स्थापीत किए हैं। इसके अलावा सूड़ान, केनिया, मोझांबिक, बुर्किना फासो और कैमरून इन देशों में भी ‘वैग्नर ग्रुप’ की मौजूदगी होने की बात कही जा रही है। नाइजर में विद्रोह होने के बाद ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख प्रिगोझिन ने बयान करके सेना की सराहना भी की थी।

इस पृष्ठभूमि पर गौर करके ‘वैग्नर ग्रुप’ नाइजर में अपनी तैनाती कर सकता हैं, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं। ‘वैग्नर ग्रुप’ की तैनाती नाइजर की सैन्य हुकूमत के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी, ऐसा विश्लेषकों का कहना हैं। इससे पहले माली एवं ‘सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक’ में तैनात ‘वैग्नर ग्रुप’ के दलों ने विभिन्न अभियानों को अंज़ाम दिया होने की बात कही जा रही है। माली में हुई ‘वैग्नर ग्रुप’ की तैनाती होने के बाद फ्रेंच सेना को पीछे हटना पड़ा था।

अमरीका एवं यूरोपिय देशों ने ‘वैग्नर ग्रुप’ को आतंकवादी गुटों की सुचि में शामिल किया है और इस ग्रुप के विरोध में सख्त प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं।

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