वॉशिंग्टन – ‘ताइवान या अन्य किसी भी एशियाई देश के विरोध में चीन ने युद्ध शुरू किया तो उन देशों तक अमरीका की सहायता पहुंच न सके, इस इरादे से चीन ने विषाणुओं का फैलाव करने वाली कैलिफोर्निया जैसे लैब के ज़रिये चीन अमरीका पर जैविक हमला करेगा और अमरीका देश के अंदरुनि संकट में फंसी रहेगी। एशिया के मित्र देशों की सहायता के लिए पहुंच न सके, इसकी तैयारी चीन ने की है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के वरिष्ठ विश्लेषक गॉर्डन चैंग ने दी। ऐसे में कैलिफोर्निया स्थित चीन की ऐसी एकमात्र लैब नहीं हैं, अमरीका में ऐसी कई लैब होने की संभावना अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन के सभापति केविन मैक्कार्थी ने जताई है।
अमरीका के कैलिफोर्निया स्थिथ फ्रेन्सो क्षेत्र में कुछ ही दिन पहले चीन की अवैध लैब होने की बात सामने आयी थी। वहां से संक्रमित होने वाले खतरनाक विषाणु और अन्य सामान बरामद किया गया था। इस दौरान लैब से कोरोना वायर, एचआईव्ही, मलेरिया, हर्पिस, हेपेटायटिस जैसी महामारी के २० विषाणु पाए गए थे। साथ ही इन विषाणुओं से प्रयोग किए गए ९०० से अधिक चुहें भी इस लैब में रखे गए थे।
‘सेंटर फॉर डिसीज् कंट्रोल ॲण्ड प्रिवेंशन’ (सीडीसी) नामक अमरिकी विभाग ने वर्णित अवैध लैब बंद कर दी है। इससे चीन के नियंत्रण वाले ऐसे अवैध लैब अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद अमरीका को कमज़ोर करने के लिए चीन ऐसे लैब चलाने में लगा होने के आरोपों की ताकत बढ़ी थी। अमरीकी प्रतिनिधि सदन के सभापति मैक्कार्थी ने भी कैलिफोर्निया के लैब पर चिंता जताकर यह एक मात्र घटना ना होने का बयान किया था। इसके बाद अमरिकी विश्लेषक गॉर्डन चैंग चीन के इन लैब को चलाने की मंशा को लेकर आगाह किया था।
आगे के समय में चीन ने एशिया स्थित अमरिकी मित्र देश या हितसंबंधों पर हमले किए तो इसपर अमरीका की प्रतिक्रिया सामने आ सकती हैं, इसका पूरा अहसास चीन को है। इस हमले को रोकने के लिए चीन ने अमरीका में ही घातक लैब बनाए हैं, अपने एजेटस् की सहायता से चीन इन लैब से ही अमरीका पर जैविक हमला कर सकता हैं। इससे अमरिकी यंत्रणा टूट सकती है। कैलिफोर्निया की लैब पर हुई कार्रवाई के बाद यह खतरा स्पष्ट हुआ है, फिर भी यह खतरा अभी टला नहीं है, ऐसा इशारा चैंग ने दिया है।
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