किव – अमरीका जिस तरह से इस्रायल को भारी मात्रा में सैन्य सहायता प्रदान कर रही हैं, वैसी ही सहायता यूक्रेन को भी मिलनी चाहिए, ऐसी मांग यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने की है। ऐसी सहायता प्राप्त हुई तो यूक्रेन लंबे समय तक रशिया से संघर्ष करता रहेगा, ऐसा दावा झेलेन्स्की ने ठोक दिया है। यह मांग करते समय उन्होंने यह बयान किया कि, अमरीका और अन्य पश्चिमी देश हमें बेसहारा छोड़ देंगे, यह चिंता सता रही हैं। ऐसा हुआ तो वह बड़ा घताक होगा, यह भी झेलेन्स्की ने कहा।
रविवार एक समाचा चैनल को दिए साक्षात्कार में झेलेन्स्की ने यह दावा किया कि, रशिया से शुरू युद्ध का पलड़ा अभी भी घूम सकता है। इस युद्ध में मारे जा रहें यूक्रेनी सैनिकों की संख्या काफी भारी हैं। यह मात्रा कम की तो यूक्रेन रशिया से टकरा सकता हैं, ऐसा दावा राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की ने किया। इसके लिए अमरीका यूक्रेन को अधिक से अधिक सैन्य सहायता प्रदान करें, ऐसी मांग भी झेलेन्स्की ने इस दौरान किया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद के दौर में अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र में अपने हितसंबंध सुरक्षित करने के लिए इस्रायल को भारी मात्रा में सैन्य एवं अन्य सहायता प्रदान की थी। इसी सहायते के सहारे इस्रायल ने खाड़ी के ताकतवर देशों को पराजित किया था। उसी तरह अमरीका से प्राप्त हुई सहायता से यूक्रेन रशिया भारी नुकसान पहुंचा सकता हैं, ऐसा सूझाव झेलेन्स्की दे रहे हैं।
अमरीका और यूरोपिय देशों ने रशिया के विरोध में यूक्रेन को रशिया के अब तक उन्नत हथियार, तोप, बख्तरबंद वाहन एवं टैंक भी प्रदान किए थे। फिर भी यूक्रेन की सेना रशिया के विरोध में संतोषजनक प्रदर्शन कर नहीं सकी हैं। इसपर अमरीका ने स्पष्ट शब्दों में नाराज़गी जताई थी। ब्रिटेन ने तो यूक्रेन की मांग के अनुसार सहायता प्रदान करना मुमकीन न होने की स्पष्ट चेतावनी दी थी। फिर भी रशिया के खिलाफ हमें पश्चिमी देशों से पर्याप्त मात्रा में सैन्य सहायता प्राप्त न होने की शिकायत यूक्रेन कर रहा हैं। इस युद्ध में हर दिन यूक्रेन के सैकड़ों सैनिकों के मारे जाने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। रशियन सेना ने यूक्रेनी सेना पर किए जवाबी हमले में ६०० से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर शनिवार को सामने आयी थी।
ऐसी स्थिति में राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की अभी भी रशिया पर जीत हासिल करने के बयान कर रहे हैं। इसके साथ ही इस्रायल की तरह यूक्रेन को भी सैन्य सहायता पाने की मांग अमरीका से वह कर रहे हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन यूक्रेन को प्रदान कर रहे अरबों डॉलर की सैन्य सहायता पर अब अमरीका में ही तीखी प्रतिक्रियाएं दर्ज़ होने लगी हैं। रशिया विरोधी यह जंग यूक्रेन जीत ही नहीं सकता। पराभव सामने दिखा रहे इस युद्ध के लिए राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अमरिकी करदाताओं के अरबों डॉलर जाया कर रहे हैं, ऐसी कड़ी आलोचना अमरिकी विपक्षी नेता कर रहे हैं।
इसी बीच, वर्ष २०१२ में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनावी उम्मीदवार रहें मिट रोमनी यानी रशिया के विरोध में यूक्रेन को इस्तेमाल करने की योजना की बड़ी सराहना की हैं। इससे रशिया कमज़ोर हुई हैं और उससे चीन को भी ज़रूरी चेतावनी पहुंची हैं, ऐसा दावा रोमनी ने किया। उनके इस दावे के कारण यूक्रेन एक अमरीका और नाटो ने हमारे खिलाफ आगे बढ़ाया एक प्यादा होने का रशिया ने लगाया आरोप साबित होता दिख रहा हैं।
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