तुर्की के खिलाफ़ ग्रीस और साइप्रस के पीछे यूरोप ड़टकर खड़ा रहेगा – यूरोपिय महासंघ का तुर्की को इशारा

तुर्की के खिलाफ़ ग्रीस और साइप्रस के पीछे यूरोप ड़टकर खड़ा रहेगा – यूरोपिय महासंघ का तुर्की को इशारा

स्ट्रासबर्ग/अंकारा – ग्रीस और साइप्रस के कानूनन संप्रभुता के अधिकारों के लिए यूरोप ड़टकर खड़ा रहेगा, ऐसा कड़ा इशारा यूरोपिय महासंघ की प्रमुख उर्सुला व्हॉन डेर लेयन ने दिया है। बुधवार को यूरोपिय संसद में ‘स्टेट ऑफ ईयू स्पीच’ के दौरान उन्होंने यह इशारा देने के साथ ही तुर्की को पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने का कोई भी अधिकार ना होने की बात कही। साथ ही महासंघ के विदेश विभाग के प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने भूमध्य समुद्र में बने तनाव के मुद्दे पर यूरोप और तुर्की के संबंध निर्णायक मोड़ पर पहुँचने का दावा भी किया। यूरोप के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रहे दावे की पृष्ठभूमि पर तुर्की ने भूमध्य समुद्र से अपनी रिसर्च शिप वापिस बुलाने की बात सामने आयी है।

बीते महीने में तुर्की ने अपना ‘ओरूक रेईसी’ नामक ‘रिसर्च शिप’ दो जहाज़ों के साथ भूमध्य समुद्री क्षेत्र में, ग्रीस के कैस्टेलोरीज़ो द्विप के करीब अनुसंधान के लिए दाखिल होने का एकतरफा ऐलान किया था। तुर्की के इस ऐलान पर ग्रीस के साथ यूरोपिय देश और नाटो ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। ग्रीस ने अपने रक्षाबलों को हाय अलर्ट पर रखकर तुर्की की गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू किया था। इसके बाद ग्रीस ने फ्रान्स के साथ भूमध्य समुद्र के क्षेत्र में युद्धाभ्यास भी किया था। उसी समय अपनी मुहिम का समर्थन करने के लिए तुर्की ने इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में रक्षा तैनाती करके एक के बाद एक युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने इतिहास के दाखिले देकर यूरोपिय देशों को धमकाना भी शुरू किया था।

तुर्की की इन हरकतों के खिलाफ़ यूरोपिय देशों ने भी आक्रामक भूमिका अपनाई और ग्रीस के पीछे खड़े रहने का निर्णय लिया। फ्रान्स ने ग्रीस को रक्षा सहायता प्रदान करना भी शुरू किया और अपने विध्वंसक एवं लड़ाकू विमान ग्रीस की सुरक्षा के लिए तैनात भी किए थे। अब यूरोपिय महासंघ भी तुर्की के खिलाफ़ ग्रीस के साथ ड़टकर खड़े होने की बात व्हॉन डेर लेयन और बॉरेल के बयान से स्पष्ट हो रही है।

तुर्की भौगोलिक नज़रिए से यूरोप से काफ़ी नज़दिक होने के बावजूद हमारे संबंधों में भी अब दरार बढ़ रही है। तुर्की यूरोप के लिए बेचैन और असंतुष्ट पड़ोसी देश है। शरणार्थियों के साथ अन्य मुद्दों पर सहयोग के बावजूद इसका मतलब तुर्की को पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने का अधिकार है, यह नहीं होता। ऐसी गतिविधियों का कभी भी समर्थन नहीं किया जा सकता। ग्रीस और साइप्रस की संप्रभुता के अधिकारों के लिए यूरोप उनके पीछे ड़टकर खड़ा रहेगा, इस बात की वह गारंटी रखे, ऐसा इशारा महासंघ के प्रमुख व्हॉन डेर लेयन ने दिया। लेयन के इशारे से पहले महासंघ के विदेश विभाग के प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने भी तुर्की को इशारा दिया है। वर्तमान स्थिति में दोनों ओर के संबंध निर्णायक मोड़ पर हैं और अगले कुछ दिनों में क्या गतिविधियां होती हैं इस पर भविष्य निर्भर करेगा, इस बात का एहसास बॉरेल ने दिलाया।

इजिप्ट के विदेशमंत्री समेह शुक्री ग्रीस का दौरा कर रहे हैं और उन्होंने तुर्की की गतिविधियों के खिलाफ़ ग्रीस को समर्थन घोषित किया है। ग्रीस और इजिप्ट के बीच इससे पहले भूमध्य समुद्री क्षेत्र को लेकर समझौता किया और तुर्की ने इसकी आलोचना की थी। इसी बीच ग्रीस और तुर्की के बीच बने तनाव का कारण बना ‘ओरूक रेईस’ जहाज़ भूमध्य समुद्र से तुर्की के बंदरगाह में लौटने की बात सामने आयी है। तुर्की ने इस मुहीम का विस्तार करना, धमकियां देना शुरू किया है और तभी यह जहाज़ लौटना तुर्की का पीछे हटना समझा जा रहा है।

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