खाड़ी क्षेत्र में नए ‘बॉम्बर्स’ तैनात करके अमरीका ने दिया ईरान को इशारा

खाड़ी क्षेत्र में नए ‘बॉम्बर्स’ तैनात करके अमरीका ने दिया ईरान को इशारा

वॉशिंग्टन – लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता रखनेवाले अमरीका के परमाणु वाहक ‘बी-५२एच बॉम्बर्स’ विमान खाड़ी क्षेत्र में दाखिल हुए हैं। परमाणु वैज्ञानिक की हत्या होने के बाद आगबबूला हुआ ईरान खाड़ी क्षेत्र में स्थित अमरिकी हितसंबंधों के लिए खतरा बन सकता है। इस वजह से ईरान को इशारा देने के लिए इन ‘बॉम्बर्स’ की तैनाती करने का ऐलान अमरीका के सेंट्रल कमांड ने किया है। बीते महीने से अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र में दूसरी बार बॉम्बर्स की तैनाती की है। इसी बीच, इराक में मौजूद ईरान से जुड़े गुट अमरिकी ठिकानों पर हमले करने की तैयारी में होने की जानकारी सामने आ रही है।

अमरीका के लुईज़ियाना स्थित बार्क्सडेल हवाई अड्डे पर तैनात दो ‘बी-५२एच स्ट्रैटोफोर्टट्रेस बॉम्बर’ विमान खाड़ी क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। करीबन ३६ घंटे उड़ान भरकर यह विमान खाड़ी क्षेत्र में दाखिल हुए हैं, ऐसी खबर अमरिकी समाचार चैनल ने प्रसिद्ध की है। अल्प समय में बिना रुके लंबी दूरी तय करने का उद्देश्‍य इन विमानों ने प्राप्त किया है, यह दावा अमरिकी लष्करी अधिकारी कर रहे हैं। खाड़ी क्षेत्र के देशों के लिए अमरीका ने स्थापित की हुई ‘सेंट्रल कमांड’ यानी ‘सेंटकॉम’ के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेन्जी ने इन विमानों की तैनाती की जानकारी साझा करते समय ईरान को इशारा दिया।

‘किसी भी हमले के समय अतिरिक्त लष्करी ताकत तेज़ गति से तैनात करने में विश्‍व का कोई भी देश अमरीका जैसा सक्षम नहीं है, इस बात पर अमरीका के विरोधक ध्यान दें। अमरीका युद्ध की मंशा नहीं रखती। लेकिन, किसी भी हमले का प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका हमेशा तैयार है’, ऐसा इशारा जनरल मैकेन्जी ने ईरान का सीधा ज़िक्र किए बगैर दिया। साथ ही खाड़ी क्षेत्र में अमरीका के अरब मित्रदेशों को आश्‍वस्त करने के लिए और खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए यह तैनाती आवश्‍यक थी, यह बयान भी मैकेन्जी ने किया।

अमरीका में फिलहाल सत्ता परिवर्तन का दौर शुरू है। अमरीका के अगले राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन अगले महीने २० जनवरी को अपने पद की शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसे में अब इराक से अमरिकी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हुई है। ऐसे बदलाव के दौर में सुरक्षा के लिए खतरे में बढ़ोतरी हुई है और इसके लिए इन ‘बॉम्बर्स’ की तैनाती आवश्‍यक है, ऐसा बयान भी जनरल मैकेन्जी ने किया है। इन अमरिकी ‘बॉम्बर्स’ की तैनाती की वजह से शत्रुदेश कोई भी गलत कदम उठाने से पहले अपने निर्णय पर यकीनन दुबारा विचार करेगा, ऐसा ‘सेंटकॉम’ के प्रमुख ने कहा है।

इन दोनों ‘बॉम्बर्स’ की खाड़ी क्षेत्र के कौनसे देश में तैनाती हुई है, यह बात अभी स्पष्ट नहीं हुई है। लेकिन, पर्शन खाड़ी से उड़ान भरनेवाले इन ‘बॉम्बर्स’ का साथ देने के लिए सौदी अरब, कतार और बहरीन ने अपने लड़ाकू विमान रवाना किए थे। दो सप्ताह पहले भी अमरिका ने अपने ‘बॉम्बर्स’ खाड़ी क्षेत्र की दिशा में रवाना किए थे। यह विमान कतार में तैनात होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा अमरीका की विशाल विमान वाहक युद्धपोत ‘यूएसएस’ निमित्ज़’ बीते कुछ दिनों से अरब सागर और पर्शन खाड़ी के बीच में तैनात है।

दो सप्ताह पहले ईरान में वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीज़ादेह की हत्या हुई थी और इसके बाद खाड़ी क्षेत्र में लष्करी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई हैं। अपने परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के लिए इस्रायल और अमरीका ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप ईरान के नेता और अधिकारी कर रहे हैं। ईरान से एवं खाड़ी क्षेत्र में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी संगठन फखरीज़ादेह की हत्या का प्रतिशोध लेने की धमकियां दे रहे हैं। इराक में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी ‘कतैब हिज़बुल्लाह’ नामक गुट ने अमरीका के हितसंबंधों पर हमला करने की तैयारी की है, ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। ऐसी स्थिति में अमरिकी बॉम्बर्स की यह तैनाती ईरान के लिए इशारा है, यह दावा किया जा रहा है।

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