मॉस्को – रशिया ने पिछले तीन सालों में किए हवाई हमले में ८६ हजार से अधिक आतंकी साथही ८३० गिरोह के नेता मारे गए, ऐसी घोषणा रशिया के रक्षा मंत्रालय ने की। इसके लिए सीरिया में आतंकियों के करीब सवा लाख ठिकानों को निशाना बनाए जाने का दावा रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया।
सीरिया के संघर्ष में रशिया ने की कार्रवाई की जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय की सोशल मिडिया पर जारी की गई विडिओ में दी गई है। ‘वर्ष २०११ से सीरिया की असाद हुकूमत का तख्ता पलटने के लिए गृह युद्ध पुकारा गया है। सीरियन राष्ट्राध्यक्ष असाद की हुकूमत के खिलाफ विद्रोही संगठनों में भारी संघर्ष शुरू था। इस गृह युद्ध का पलड़ा विद्रोही साथही उस समय सीरिया में दाखिल हुए आतंकी संगठन की ओर भारी हो रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा था। तभी वर्ष २०१५ में रशिया सीरिया के संघर्ष में शामिल हुई, ऐसा इस विडिओ में कहा गया है।
रशिया ने सीरिया की असाद हुकूमत की बचाव के लिए वर्ष २०१५ से आतंकवादी संगठन के खिलाफ की कार्रवाई में ८३० गिरोह नेताओं समेत ८६ हजारों से अधिक आतंकीयों को मारे जाने का दावा रशियन रक्षा मंत्रालय ने किया। इनमें रशिया से सीरिया में गए आतंकी कारनामों के लिए गए ४५०० आतंकवादी भी शामिल थे, ऐसा रशिया ने कहा। रशियन रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, इन आतंकीयों के एक लाख २१ हजार से अधिक ठिकानों को ध्वस्त किया एवं इसके लिए रशिया के लड़ाकू विमानों ने ३९ हजार से अधिक बार उड़ाने भरी।
आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले के लिए लड़ाकू विमानों समेत पनडुब्बीयॉं, विध्वंसकों का इस्तेमाल किया गया। इनमें से पनडुब्बीयॉं और विध्वंसकों ने १०० हमले किए। वहीं इस संघर्ष में २३१ अलग अलघ और प्रगत हथियारों का इस्तेमाल हुआ, ऐसा रशिया ने घोषित किया। सीरिया में इन तीन वर्षों के संघर्ष में रशिया के ६३ हजार से अधिक जवान शामिल हुए थे। साथही रशियन वायुसेना के ९१ प्रतिशत वैमानिकों को इस संघर्ष से प्रत्यक्ष युद्ध का अनुभव मिला, ऐसी जानकारी रशियन रक्षा मंत्रालय ने दी है।
रशिया दावा कर रहा है कि, सीरिया में रशिया की इस कार्रवाई के बाद ९६ प्रतिशत इलाका अस्साद हुकूमत के कब्जे में आ चूका है। लेकिन रशिया ने स्पष्ट नहीं किया की, इसके बाद रशियन जवान सीरिया से पिछे हटेगी क्या? कुछ महीनों पहले रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने सीरिया से सेना को पिछे लेने की घोषणा की थी। लेकिन अभी भी सीरिया के अलग ठिकानों पर रशिया के जवान तैनात होने की जानकारी सामने आयी है। रशियन सेना का पुलीस दल ने इस्रायल की सीमा के कुनित्रा क्रॉसिंग का कब्जा लेने की खबरें भी कुछ दिनों पहले प्रकाशित हुई थी। इससे रशियन सेना की सीरिया से पिछे हटने की संभावना खत्म होती हुई दिखाई दे रही है।
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