वॉशिंगटन – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने २०० अरब डॉलर्स के चीन के उत्पादों पर कर लगाने की स्थिति में व्यापार युद्ध की समस्या का हल निकालने के लिए चीन ने शुरू की कोशिश आखिरकार विफल हुई है| गुरूवार के दिन अमरिका के साथ बातचीत करने के लिए पहुंचा चीन का शिष्टमंडल अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दी नई धमकी के साथ चीन वापस लौट गया है| चीन से अमरिका में निर्यात हो रहे सभी उत्पादों पर कर लगाने की धमकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी है और इन करों से बचने के लिए चीन के पास सीर्फ एक महीना है, यह भी स्पष्ट किया|
दो दिन पहले ही, चीन ने अमरिका के साथ किए व्यापारी समझौते का भंग किया है और चीन को इसकी किमत चुकती करनी ही होगी, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन को व्यापार युद्ध तीव्र करने की धमकी दी थी| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष यह धमकी दे रहे थे, इसके बावजूद चीन के उप-प्रधानमंत्री लिउ हे इनके नेतृत्व में चीन का शिष्टमंडल बातचीत के लिए अमरिका पहुंचा था| चीन के शिष्टमंडल की यह अमरिका भेंट चीन की बेबसी दिखा रही है, यह प्रतिक्रिया कई स्तरों पर व्यक्त होने लगी है|
लेकिन, ट्रम्प ने लगाए करों की वजह से त्रस्त हुए चीन के सामने अपनी अर्थव्यवस्था संभालने के लिए व्यापारी समझौता करने के अलावा दुसरा विकल्प नही| इसी लिए अमरिका से कर लगाने की धमकियां देने के साथ चीन की कंपनीयों पर प्रतिबंध और इन कंपनीयों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की तैयारी शुरू थी, ऐसी स्थिति में भी चीन लगातार अमरिका के साथ बातचीत कर रहा है| ऐसे में दुसरी ओर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्हें चीन के साथ हो रहे व्यापार में अमरिका को हो रहा नुकसान घटाकर लाभ होगा, ऐसे प्रावधान चीन से मंजूर करवाने है|
इसके लिए चीन से अमरिका में हो रही पूरी निर्यात लक्ष्य करने की तैयारी भी ट्रम्प ने रखी है| यह करते समय उन्होंने चीन से लगाए जानेवाले कर या अन्य कार्रवाई की परवाह नही की है, यही बात उन्होंने पिछले कुछ दिनों में किए वक्तव्य से स्पष्ट हो रही है| चीन का शिष्टमंडल बातचीत के लिए अमरिका पहुंच रहा है, यह जानकारी होते हुए भी ट्रम्प ने उजागर तौर पर २०० अरब डॉलर्स के चिनी उत्पाद पर लगाया कर २५ प्रतिशत करने के निर्देश दिए| बातचीत शुरू होते हुए भी चीन पर समझौते का भंग करने का आरोप रखकर चीन से अमरिका पहुंच रहे सामान पर कर लगाने की धमकी भी दी गई है|
अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिखाई इस आक्रामकता के बाद भी चीन के शिष्टमंडल ने नरमाई की भूमिका अपना कर कोई भी बाधा हुई तो भी व्यापारी समझौता पूरा करने की कोशिश करने का भरोसा दिलाया है| चीन से प्राप्त हो रही ऐसी प्रतिक्रिया चौकानेवाली मानी जा रही है और ट्रम्प ने अपनाई आक्रामक भूमिका सफल होने का चित्र फिलहाल सामने है|
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