वॉशिंग्टन/मास्को/किव – नए साल में रशिया यूक्रेन विरोधी अभियान की तीव्रता अधिक बढ़ा रही है और ऐसे में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के लिए लगातार शस्त्र सहायता देने का ऐलान जारी रखा है। पिछले महीने अरबों डॉलर्स के शस्त्र देने का ऐलान करने के बाद अमरीका ने फिर से यूक्रेन को नई रक्षा प्रणाली देने के संकेत दिए हैं। इसमें ‘ग्राउंड लौन्चड् स्मॉल डाइमीटर बम’ (जीएलएसडीबी) मिसाइलों के साथ तकरीबन दो अरब डॉलर्स के हथियारों का समावेश है, ऐसा अमरिकी सूत्र ने कहा। ‘जीएलएसडीबी’ मिसाइलों की मारक क्षमता १५० किलोमीटर है। इन मिसाइलों की आपूर्ति को मंजूरी करते हुए अमरीका ने यूक्रेन के रशिया में हमला करने के इरादों को एक तरह से मंजूरी ही दी है, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
जर्मनी के रैम्स्टेन एअरबेस नामक अमरिकी अड्डे पर पिछले महीने यूक्रेन को शस्त्र सहायता करने वाले ‘डिफेन्स कौन्ट्रैक्ट ग्रूप’ की बैठक की गई। इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर झेलेन्स्की और रक्षा मंत्री ओलेक्की रेझ्निकोव ने अतिरिक्त शस्त्र सहायता की मांग की थी। इस दौरान अमरीका ने रशिया फिर से नया हमला करने की तैयारी कर रही है, यह कहकर यूक्रेन को अधिक शस्त्र देने की ज़रूरत होने का मुद्दा उठाया था। साथ ही जब तक यूक्रेन को ज़रूरत है तब तक अमरकि हथियारों की आपूर्ति जारी रखेगी, ऐसी गवाही भी दी थी। इस बैठक से पहले अमरीका ने यूक्रेन को ढ़ाई अरब डॉलर्स के शस्त्र देने का ऐलान किया था।
इसके बाद मात्र दस दिनों में अमरीका ने फिर से यूक्रेन के लिए बड़ी शस्त्र सहायता देने की तैयारी शुरू की है। इसमें १५० किलोमीटर मारक क्षमता के ‘जीएलएसडीबी’ मिसाइलों का समावेश है। यह मिसाइलें अमरीका के ‘बोईंग’ कंपनी ने विकसित किए हैं और इसके निर्माण में यूरोप की ‘साब’ कंपनी का भी योगदान है। इसकी वजह से इन मिसाइलों की आपूर्ति तेज़ होगी, यह दावा किया जा रहा है। ‘जीएलएसडीबी’ मिसाइलों की आपूर्ति यूक्रेन के रशिया में किए जा रहे हमलों के लिए सहायक साबित होगी, यह दावा विश्लेषक एवं सूत्र कर रहे हैं।
‘जीएलएसडीबी’ के अलावा जैवलिन मिसाइलें भी बडी संख्या में दी जाएंगीं। तथा ‘मल्टिपल लौन्च रॉकेट सिस्टम’, ‘रड़ार’ और ‘पैट्रियॉट’ के लिए आवश्यक सहायक प्रणाली, तोप का बारूद एवं बख्तरबंद वाहनों का भी इस सहायता में समावेश है। इससे पहले घोषित किए गए ‘ब्रैडले टैंक्स’ की सहायता के तहत अमरीका ने अब तक ऐसे ६० टैंक्स यूक्रेन के लिए रवाना करने की जानकारी मिली है।
लेकिन, यूक्रेन लगातार मांग रहे ‘आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम’ एवं ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमान देने से अमरीका ने स्पष्ट इन्कार किया है। ‘आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम’ के मिसाइलों की मारक क्षमता ३०० किलोमीटर है। इसके अलावा ‘एफ-१६’ की आपूर्ति रशिया-यूक्रेन संघर्ष अधिक तीव्र करने का कारण बनेगी, ऐसा ड़र अमरीका एवं यूरोपियन दायरे में जताया जा रहा है। अमरीका और नाटो के हथियारों की आपूर्ति पर रशिया के गुप्तचर प्रमुख ने आलोचना की है।
अमरीका के साथ नाटो भी रशिया को पराजित करने के सपने देख रहा है। लेकिन, यह कभी भी मुमकिन नहीं होगा, ऐसा इशारा रशिया के गुप्तचर प्रमुख सर्जेई नैरिश्किन ने दिया। इसी बीच रशिया ने डोन्बास के सामरिक नज़रिये से अहम बाखतमत शहर को घेरना शुरू करने का दावा रशिया की सेना ने किया है। इस शहर के करीब दो अहम इलाकों पर रशिया ने कब्ज़ा किया है और इसके बाद इस घेरे का अभियान शुरू किया गया, ऐसा कहा जा रहा है।
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