लीबिया में जारी संघर्ष लंबे समय तक शुरू रहेगा – अमरीका का इशारा

लीबिया में जारी संघर्ष लंबे समय तक शुरू रहेगा – अमरीका का इशारा

त्रिपोली – लीबिया में भड़क रहा संघर्ष और यहां के विदेशी सैनिकों की बढ़ती तैनाती चिंता का कारण है। इन विदेशी सैनिकों के बढ़ते सहयोग से लीबिया में जारी संघर्ष और भी लंबे समय तक शुरू रहेगा, यह इशारा अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने दिया है। सीधे ज़िक्र किया ना हो लेकिन तुर्की, इजिप्ट और रशिया को लक्ष्य करने के उद्देश्‍य से उन्होंने यह इशारा दिया है, यह दावा किया जा रहा है। इसी बीच लीबिया में हथियारों की तस्करी ना हो, इसलिए जर्मनी ने भूमध्य समुद्र में तैनात करने के लिए 250 सैनिकों के साथ अपनी विध्वंसक रवाना की है।

बीते कुछ महीनों से लीबिया में भड़का हुआ गृहयुद्ध और इस देश में बढ़ रही विदेशी सैनिकों की तैनाती को ओब्रायन ने लक्ष्य किया। कुछ विदेशी ताकतें लीबिया में जारी गृहयुद्ध का लाभ उठाने की तैयारी में हैं और इससे क्षेत्रीय स्थिरता और जागतिक व्यापार के लिए संकट बढेगा, यह चिंता अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने व्यक्त की। लीबिया में जारी संघर्ष में विदेशी सैनिकों के साथ मर्सिनरीज्‌ यानी कान्ट्रैक्ट सैनिक और आतकियों का बढ रहा समावेश इस देश में जारी संघर्ष अधिक तीव्र कर रहा है। अपनी संप्रभुता की सुरक्षा के लिए और देश के निर्माण के लिए लीबियन जनता एक हुई तो ही लीबिया को जीत प्राप्त होगी। अन्य कोई भी गुट इस संघर्ष में सफल नहीं होगा, यह कहकर ओब्रायन ने लीबियन जनता को एक होने का आवाहन किया।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते कुछ दिनों में लीबिया के मामले में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन, इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अब्देल फतेह अल सिसी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन ज़ईद से चर्चा की है। ट्रम्प ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन से चर्चा अभी ना करने की बात पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। लीबिया के संघर्ष में तुर्की सराज सरकार का और फ्रान्स, इजिप्ट एवं यूएई के साथ सौदी अरब हफ्तार बागियों का समर्थन कर रहे हैं। अमरीका ने इनमें से किसीका खुलेआम समर्थन नहीं किया है। लेकिन, बीते कुछ दिनों से रशिया एवं तुर्की ने लीबिया में शुरू की हुई लष्करी गतिविधियों पर अमरीका ने चिंता व्यक्त की है।

पिछले दो सप्ताहों में तुर्की एवं इजिप्ट ने लीबिया में अपनी सेना उतारने का ऐलान किया है। तब तुर्की, रशिया लीबिया में मर्सिनरीज्‌ की तैनाती करने में जुटे होने की ख़बरें सामने आ रही हैं। इसके अलावा तुर्की ने लीबिया की हुकूमत और तुर्की से संबंधित बागियों को हथियारों से सज्जित करने के लिए बड़ी मात्रा में हथियारों का ज़ख़ीरा भेजने की बात सामने आई थी। लीबिया में हो रही हथियारों की यह अवैध तस्करी रोकने के लिए जर्मनी ने भूमध्य समुद्र में तैनात करने के लिए ढ़ाई सौ सैनिकों के साथ अपनी विध्वंसक रवाना की है। यूरोपिय महासंघ ने भूमध्य समुद्र में पांच महीने के लिए नौसेना की विशेष मुहीम चलाने का ऐलान किया है और जर्मन विध्वंसक की तैनाती इसी का हिस्सा साबित होती है।

इसी बीच दो दिन पहले लीबिया में स्थित ‘मिस्राता’ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आग लगने की संदिग्ध घटना हुई। इस आग का पुख्ता कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन, इस हवाई अड्डे का आधा हिस्सा तुर्की की सेना के नियंत्रण में होने की ओर लीबियन माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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