काबुल – अफ़गानिस्तान की वायुसेना ने ईशान्य के क्षेत्र में स्थित तालिबान के ठिकानों पर किए हमलों में कम से कम ४३ लोग मारे गए हैं। इन मृतकों में ३० तालिबानी आतंकी और १३ नागरिकों का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। अफ़गान सरकार और तालिबान के बीच कतार में शांतिवार्ता जारी है और इसी बीच अफ़गान वायुसेना ने तालिबान के ठिकानों पर यह कार्रवाई करके तालिबान को इशारा दिया है, ऐसा दावा किया जा रहा है। कुछ दिन पहले तालिबानी आतंकियों ने अफ़गान सेना पर जारी हमले रुकेंगे नहीं, यह इशारा दिया था।
अफ़गानिस्तान की वायुसेना ने शनिवार के दिन कुंदूज़ प्रांत में स्थित खानआबाद ज़िले में तालिबानी आतंकियों के खुफिया अड्डे पर जोरदार हमले किए। दो चरणों में इस कार्रवाई को अंज़ाम दिया गया। इनमें से पहले चरण में अफ़गान लड़ाकू विमानों ने तालिबानी आतंकियों के घर एवं घर के बाहर स्थित चौकी तहस नहस की। इस हमले में कम से कम ४० आतंकी मारे जाने का दावा किया जा रहा है। इस दौरान दो तालिबानी कमांडर्स के मारे जाने की भी बात भी स्पष्ट हुई है। लेकिन, कुंदूज़ प्रांत के प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था से साझा की हुई जानकारी में अफ़गान वायुसेना की कार्रवाई में ३० आतंकी ढ़ेर हुए। तभी इस कार्रवाई में ढ़ेर हुए आतंकियों को देखने के लिए इकठ्ठा हुई भीड़ पर अफ़गान वायुसेना ने किए अगले हमले में १३ लोग मारे गए और मृतकों में बच्चों का भी समावेश होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने बयान की।
कतार की राजधानी दोहा में अमरीका की मध्यस्थता से अफ़गानिस्तान की गनी सरकार और तालिबान के बीच शांतिवार्ता हो रही है। यह शांतिवार्ता धीरे धीरे अफ़गानिस्तान के उज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रही है, ऐसा दावा अमरीका ने नियुक्त किए हुए विशेषदूत ज़ल्मे खलिलज़ाद ने किया है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद अफ़गानिस्तान की संप्रभुता से वचनबद्ध होने का ऐलान खलिलज़ाद ने किया। तभी इस शांतिवार्ता की पृष्ठभूमि पर अफ़गान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने तालिबान से युद्धविराम करने का निवेदन किया था। लेकिन इस शांतिवार्ता के दौरान भी तालिबान ने अफ़गान सुरक्षा यंत्रणाओं पर जारी हमले बंद ना करने का इशारा दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद तालिबान के आतंकियों ने अफ़गान सेना पर हमले किए थे। अफ़गान सरकार ने भी तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमलें करके तालिबान को प्रत्युत्तर दिया हुआ दिख रहा है।
इसी बीच दोहा में जारी शांतिवार्ता में तालिबान ने अफ़गानिस्तान में इस्लामी हुकूमत स्थापित करने की माँग रखी है। इसके साथ ही अफ़गानिस्तान में महिलाओं को प्रदान किए गए अधिकार हटाने की तैयारी भी तालिबान ने करने की बात दिख रही है। इसके कारण तालिबान ने दुबारा अफ़गानिस्तान की सरकार का नियंत्रण हथियाया तो फिर अपना देश दुबारा दो दशकों के लिए पिछड जाएगा, यह ड़र अफ़गान जनता को सता रहा है। इसी बीच गुलबुद्दीन हिकमतयार का ‘हिज़्ब-ए-इस्लामी’ नामक गुट भी तालिबान के साथ मेल करने के लिए तैयार होने की ख़बरें प्राप्त हो रही हैं। तुर्की और पाकिस्तान के माध्यमों ने यह ख़बर प्रसिद्ध की है।
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