युक्रेन द्वारा खार्किव में अमोनिया गैस पाईपलाईन पर हमला किया जाने का रशिया का दावा

- रशिया न्युक्लिअर प्लांट पर हमला करने की तैयारी में होने का युक्रेन का आरोप

मॉस्को/किव – खेर्सन प्रांत के ‘नोवा खाकोव्का’ बाँध को उड़ा देने की घटना के २४ घंटे पूरे होने से पहले ही, रशिया के नियंत्रण में होनेवाली अमोनिया गैस पाईपलाईन पर हमला हुआ है। खार्किव प्रांत में हुआ यह हमला युक्रेनी सेनाओं ने किया होने का दावा रशिया ने किया है। इस हमले की वजह से खार्किव प्रांत के मास्युतिव्का शहर के नज़दीकी इलाक़े में सफ़ेद रंग के वायु के बादल तैयार हुए हैं। ये बादल नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, ऐसा डर जताया जा रहा है। इसी बीच, ‘नोवा खाकोव्का’ डैम के बाद रशिया झॅपोरिझिआ न्युक्लिअर प्लांट पर हमला करेगा, ऐसा आरोप युक्रेन के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।

अमोनिया गैस

मंगलवार के तड़के डिनिप्रो नदी पर खेर्सन प्रांत में बाँधे गये ‘नोवा खाकोव्का’ बाँध का हिस्सा विस्फोट में उड़ा दिया गया। इस बात को लेकर रशिया और युक्रेन में आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं कि तभी ईशान्य (उत्तर-पूर्वी) युक्रेन के खार्किव प्रांत में अमोनिया वायु की पाईपलाईन को लक्ष्य करने की बात सामने आई। रशिया-युक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पाईपलाईन बंद कर दी गई थी। लेकिन उसमें अभी भी लाखों क्युबिक फ़ीट अमोनिया वायु उसमें फ़ँसी है। पाईपलाईन पर हमला होने की वजह से यह वायु बड़े पैमाने पर बाहर आने की शुरुआत हुई है। इस वायुरिसाव के कारण सफ़ेद रंग के बादलों का आवरण तैयार होने के फोटोग्राफ्स जारी हुए हैं।

अमोनिया गैस

‘टोगलिआटी-ओडेसा’ नामक यह पाईपलाईन, अमोनिया वायु की दुनिया की सबसे बड़ी पाईपलाईन के रूप में जानी जाती है। रशिया की वोल्गा नदी के किनारे से शुरू होनेवाली यह पाईपलाईन युक्रेन के ओडेसा बंदरगाह तक जाती है। इस पाईपलाइन की लम्बाई १,५३४ मील इतनी है। रशिया और युक्रेन के बीच हुए ‘ग्रेन डील’ के दौरान रशिया ने, अमोनिया की निर्यात शुरू करने की माँग की थी। उसके बाद पिछले महीने से रशिया ने इसी मुद्दे पर युक्रेन के जहाज़ रोकने की शुरुआत की, ऐसे दावे माध्यमों ने किये थे।

अमोनिया गैस

संयुक्त राष्ट्रसंगठन तथा अन्य मध्यस्थ, रशिया की माँग पूरी करने की तैयारी में थे कि तभी पाईपलाईन पर हमला होने के कारण अमोनिया की निर्यात करने की रशिया की योजना पर पानी फेरा दिखाई दे रहा है। रशियन अधिकारियों ने इसपर ग़ौर फ़रमाया होकर, आनेवाले दौर में ‘ग्रेन डील’ की अवधि बढ़ाने की संभावना नहीं है, ऐसे संकेत दिये हैं। पाईपलाईन का परिसर ‘ग्रे झोन’ का भाग होने का दावा युक्रेन ने किया होकर, उसपर हुआ हमला यह युद्ध का भाग है, ऐसा युक्रेन के अधिकारियों ने कहा है।

इसी बीच, ‘नोवा खाकोव्का’ बाँध के हमले के बाद रशिया झॅपोरिझिआ स्थित न्युक्लिअर प्लांट को लक्ष्य करेगा, ऐसा आरोप युक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ओलेक्सी डॅनिलोव्ह ने किया। लेकिन रशिया ने ये आरोप ठुकराये होकर, युक्रेन की सेनाओं द्वारा ही न्युक्लिअर प्लांट के परिसर हमलें किये जा रहे हैं, ऐसा रशिया ने कहा है।

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