वॉशिंग्टन/अथेन्स/अंकारा – ओरूक रेईस के साथ अपने तीन जहाज़ दुबारा भूमध्य समुद्र में भेजनेवाले तुर्की को अमरीका और यूरोप ने आड़े हाथों लिया हैं। ग्रीस दावा जता रहे क्षेत्र में तुर्की ने दुबारा मुहिम चलाने का किया निर्णय निषेधार्ह है, ऐसा तमाचा अमरीका ने जड़ा है। ग्रीस-तुर्की विवाद में मध्यस्था की कोशिश कर रहे जर्मनी ने तुर्की की हरकतें तनाव कम करने के लिए जारी कोशिशें नाकाम कर रही है, ऐसी नाराज़गी व्यक्त की। तभी, फ्रान्स ने तुर्की को अभी यूरोप के प्रतिबंध लगाने का विकल्प खुला होने का अहसास भी दिलाया है। साथ ही ग्रीस ने तुर्की के जहाज़ पीछे हटने तक चर्चा संभव नहीं है, ऐसी सख्त भूमिका अपनाई है। अमरीका के साथ यूरोपिय देशों ने अपनाई आक्रामकता की वजह से इस मुद्दे पर तुर्की की घेराबंदी होने की संभावना जताई जा रही है।
सोमवार के दिन तुर्की ने ओरूक रेईस के साथ अपने तीन जहाज़ दुबारा भूमध्य समुद्री क्षेत्र में रवाना किए। तीनों जहाज़ २२ अक्तुबर तक इस क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे, यह बयान तुर्की ने किया था। तुर्की र्इंधन की खोज़ करना जारी रखेगा और अपने अधिकारों की भी रक्षा करेगा, इन शब्दों में तुर्की के ऊर्जामंत्री ने इस मुहिम का समर्थन किया था। साथ ही यदि इस क्षेत्र में र्इंधन की खोज़ होती है तो तुर्की खनन भी शुरू करेगा, यह इशारा भी तुर्की के मंत्री ने दिया था। इसके बाद अब तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने ग्रीस को धमकाना शुरू किया है। तुर्की के जहाज़ अपना कर्तव्य निभाने के लिए भूमध्य समुद्र में पहुँचे हैं और विरोध करनेवालों को जैसे को तैसा प्रत्युत्तर दिया जाएगा। ग्रीस और सायप्रस ने चर्चा के दौरान दिए वचन का पालन नहीं किया, यह धमकी भी एर्दोगन ने दी।
तुर्की की इस आक्रामकता पर अमरीका और यूरोप ने तीव्र नाराज़गी दर्ज़ की है। भूमध्य समुद्र में दुबारा मुहिम शुरू करने का तुर्की का निर्णय निषेधार्ह है। तुर्की के ऐलान से भूमध्य समुद्र में बने तनाव में बढ़ोतरी हुई है। इस कार्रवाई ने नाटो में अमरीका के सहयोगी ग्रीस और तुर्की के बीच अहम चर्चा तुर्की ने जानबूझकर जटिल की हुई दिख रही है। जबरदस्ती, धमकाने के साथ लष्करी कार्रवाई के ज़रिये भूमध्य समुद्री क्षेत्र में तनाव कम नहीं होगा। उकसानेवाली हरकतें करना तुर्की बंद करे और तुरंत ही ग्रीस के साथ बातचीत शुरू करे। एकतरफा कार्रवाई करने से विश्वासार्हता निर्माण नहीं होगी और हल भी नहीं निकलेगा, इन शब्दों में अमरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने तुर्की को तमाचा जड़ा है।
जर्मनी के विदेशमंत्री हैको मास ने तुर्की की एकतरफा हरकतों पर आलोचना करते समय ऐसी हरकतें तनाव करने की कोशिशें नाकाम करनेवाली साबित होती हैं, ऐसी स्पष्ट नाराज़गी व्यक्त की। अगले कुछ दिनों में चर्चा के ज़रिये ही ग्रीस-तुर्की तनाव का हल निकलेगा, यह उम्मीद जर्मनी को है और ऐसा नहीं हुआ तो यूरोपिय महासंघ को इस मुद्दे पर दुबारा विचार करना पड़ेगा, यह इशारा मास ने दिया। फ्रान्स ने भी इस मुद्दे पर आग्रही भूमिका अपनाई है और यूरोपिय महासंघ के सामने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने का विकल्प खुला है, यह अहसास तुर्की रखे, यह इशारा भी फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन येवेस ले ड्रियान ने दिया। इस दौरान उन्होंने तुर्की ने उकसानेवाली हरकतें लगातार जारी रखी होने का आरोप भी रखा। जर्मनी और फ्रान्स के इन आक्रामक बयानों की पृष्ठभूमि पर ग्रीस ने तुर्की के जहाज़ वापिस लौटे बगैर बातचीत नहीं करेंगे, यह बात स्पष्ट की है।
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