अदिस अबाब – पश्चिमी इथिओपिया में एक यात्री बस पर आतंकियों ने किए हमले में ३४ लोग मारे गए हैं। इस भीषण हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार अभी किसी भी संगठन ने नहीं किया है। पिछले दो सप्ताहों से इथिओपिया के उत्तरी ओर के तिगरे प्रांत में विद्रोहियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू किया है और इसका असर पड़ोसी इरिट्रिया पर भी हुआ है। इथिओपिया की सरकार और तिगरे बागियों का संघर्ष उचित समय पर रोका नहीं, तो इथिओपिया में गृहयुद्ध शुरू होगा, यह चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।
इथिओपिया के बेनिशंगूल-गुमूज़ क्षेत्र में एक यात्री बस पर आतंकियों ने गोलीबारी करके हाहाकार मचाया। स्थानिय मानव अधिकार संगठन ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार, इस हमले में ३४ लोग मारे गए हैं और अगले कुछ दिनों में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, यह चिंता भी व्यक्त की जा रही है। पिछले तीन महीनों में इस क्षेत्र में हुआ यह तीसरा आतंकी हमला है। सितंबर और अक्तूबर महीने की तुलना में, शनिवार के दिन हुए हमले की तीव्रता भयंकर थी, यह बयान मानव अधिकार संगठन ने किया है। इथिओपिया के प्रधानमंत्री अबिए अहमद ने, अपने देश में हो रहें हमलों के लिए पहले से सुदान को ज़िम्मेदार क़रार दिया था। इथिओपिया के विद्रोहियों को सुदान में प्रशिक्षण और आश्रय मिल रहा है, यह आरोप प्रधानमंत्री अहमद ने किया था।
बेनिशंगूल-गुमूज़ की बस पर हुआ आतंकी हमला और पिछले दो सप्ताहों से इथिओपिया के उत्तरी ओर के तिगरे प्रांत में हो रहें संघर्ष का सीधा संबंध ना होने का दावा इथिओपियन यंत्रणा कर रही हैं। तिगरे प्रांत के बागी नेता डेब्रेशन गेबेमिशल ने प्रधानमंत्री अहमद के खिलाफ बगावत की है। इथिओपियन सरकार और तिगरे बागियों के इस संघर्ष की वजह से अब तक १२ हज़ार से अधिक लोग सुदान में स्थानांतरित हुए हैं।
अबतक इथिओपिया तक ही सीमित रहें इस संघर्ष का भड़का पड़ोस के इरिट्रिया में भी हुआ है। तिगरे बागियों ने रविवार के दिन इरिट्रिया के आन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रॉकेट हमलें किए। इन हमलों में किस तादात में नुकसान हुआ, इसका ब्यौरा अभी घोषित नहीं हुआ है। लेकिन, इरिट्रिया की सरकार इथिओपियन प्रधानमंत्री अहमद को अपने खिलाफ लष्करी सहायता कर रही है, यह आरोप तिगरे बागियों के नेता गेब्रेमिशेल ने किया। इसी वजह से इरिट्रिया पर हमलें करने की बात गेब्रेमिशेल ने स्पष्ट की।
इसी बीच पिछले कुछ महीनों से इथिओपिया में, सत्ता और खनिज संपत्ति पर मालिक़ियत हासिल करने के लिए विद्रोही और वांशिक गुटों का संघर्ष हो रहा है। इनमें से बेनिशंगूल-गुमूज़ के संघर्ष में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हज़ारों विस्थापित हुए हैं। ऐसे में अब तिगरे के बागियों ने विद्रोह किया है और इथिओपिया की सेना के कुछ अफ़सर और सैनिक भी इस विद्रोह में शामिल हुए हैं। तिगरे बागियों ने इथिओपियन सरकार के विरोध में शुरू किये हुए संघर्ष को एवं इथिओपिया की अन्य छोटी-बड़ी बागी संगठनों को यदि समय पर रोका नहीं, तो अफ्रिका के और एक देश में गृहयुद्ध भड़केगा और देश का विभाजन होगा, यह चेतावनी विश्लेषकों ने दी है।
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