वॉशिंग्टन/बीजिंग/मनिला – ‘अमरीका और चीन के बीच साउथ चायना सी क्षेत्र में युद्ध शुरू होने की संभावना बन रही है और युद्ध शुरू होने पर फिलिपाईन्स भी इसमें खींचा जाएगा’, ऐसी चेतावनी फिलिपाईन्स के रक्षामंत्री डेल्फिन लॉरेन्झाना ने दी है। यह संभावित युद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी, ऐसा भी फिलिपिनी रक्षामंत्री ने जताया है। फिलिपाईन्स इस युद्ध की चेतावनी दे रहा है, ऐसे में अमरीका ने इस देश को सुरक्षा के लिए तैयार करने की गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। बीते सात दिनों में अमरीका ने फिलिपाईन्स को ‘स्मार्ट बम’ एवं प्रगत ड्रोन्स की आपूर्ति करने की बात सामने आयी है।
साउथ चायना सी को लेकर आग्नेय एशियाई देशों का बदला हुआ स्वर एवं उसे अमरीका के साथ अन्य प्रमुख देशों से प्राप्त हो रहे समर्थन की वजह से चीन काफ़ी बेचैन हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर फिलिपिनी मंत्री ने दिए युद्ध के संकेत और इसमें होनेवाले समावेश को लेकर किया बयान ग़ौरतलब साबित होता हैं। इस दौरान रक्षामंत्री डेल्फिन लॉरेन्झाना ने, चीन ने तटरक्षक बल एवं ‘नेव्हल मिलिशिया’ को हथियारों से सज्जित करने के लिए किये निर्णयों का भी ज़िक्र किया।
‘अमरीका और चीन ये दोनों देश साउथ चायना सी में जारी अपनी गतिविधियाँ रक्षात्मक होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, गलतफहमी से संघर्ष शुरू होने का ड़र अभी कायम है’, यह बयान भी रक्षामंत्री लॉरेन्झाना ने किया है। इस समय उन्होंने, सन २०१८ में अमरीका और चीन के विध्वंसकों की टक्कर होते होते रही थी, इस बात की याद भी ताज़ा की। ‘ऐसी ही किसी घटना से अमरीका और चीन के युद्ध का भड़का होने पर फिलिपाईन्स भी उसमें खींचा जा सकता है। साउथ चायना सी क्षेत्र में फिलिपाईन्स अहम ठिकाने पर होने के कारण इस क्षेत्र के युद्ध में फिलिपाईन्स को मजबूरन् उतरना होगा’, यह दावा भी उन्होंने किया।
बीते कुछ वर्षों में फिलिपाईन्स ने, अमरीका और चीन इन दोनों देशों से उचित संबंध रखने की कोशिश की। इस ओर भी फिलिपिनी रक्षामंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। इसी बीच साउथ चायना सी में चीन की बढ़ती गतिविधियाँ रोकने के लिए अमरीका ने इस क्षेत्र के अन्य देशों को सज्जित करने की नीति अपनाई है। कुछ दिन पहले अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन के दौरे में, फिलिपाईन्स को दो करोड़ डॉलर्स के ‘स्मार्ट बम्स’ एवं अन्य यंत्रणा प्रदान की गई थी। इसके बाद बुधवार के दिन अमरीका की ‘एअरफोर्स सेक्रेटरी’ बार्बरा बैरेट ने फिलिपाईन्स की यात्रा की थी। इस यात्रा में फिलिपाईन्स को आठ ‘स्कैनइगल’ ड्रोन्स प्रदान किए गए हैं। करीबन डेढ़ करोड़ डॉलर्स के ये ड्रोन्स समुद्री गश्त के लिए इस्तेमाल होंगे, यह जानकारी फिलिपिनी अफसर ने साझा की।
चीन ने बीते कुछ वर्षों से साउथ चायना सी पर कब्ज़ा करने के लिए जोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। सन २०१६ में आन्तर्राष्ट्रीय अदालत ने चीन के खिलाफ निर्णय करने के बाद चीन अधिक ही आक्रामक हुआ है और आग्नेय एशियाई देशों को धमकाने की तथा उनपर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए आर्थिक और लष्करी ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है। फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुअर्ते ने, चीन के साथ संघर्ष करने से दूर रहने के लिए सहयोग की नीति स्वीकारी थी। लेकिन, इसके बाद भी चीन ने फिलिपाईन्स की सीमा में घुसपैठ करना और उसपर दबाव बनाना बंद नहीं किया है।
इसी कारण फिलिपाईन्स ने, इस मुद्दे पर अमरीका के साथ जारी सहयोग बरकरार रखने का निर्णय किया हुआ दिख रहा है। दो महीनें पहले फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष ने, साउथ चायना सी में बने विवाद को लेकर आन्तर्राष्ट्रीय अदालत ने किये फ़ैसले पर भी किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, यह चेतावनी दी थी। आवश्यकता महसूस होने पर इस क्षेत्र में फिलिपाईन्स के विरोध में होनेवाली कार्रवाई रोकने के लिए अमरिकी नौसेना की सहायता प्राप्त करेंगे, यह भी दुअर्ते ने जताया था। आग्नेय एशियाई देशों का गुट होनेवाले ‘आसियान’ ने अपनी बैठक में चीन की गतिविधियों का स्पष्ट शब्दों में निषेध किया था।
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