वॉशिंग्टन – अमरीका पर हुए अभूतपूर्व सायबरहमले के पीछे रशिया ही होने की बात स्पष्ट हुई होकर, अब अमरीका को चाहिए कि वह इस हमले का ‘जैसे को तैसे’ जवाब दें, ऐसी आक्रामक माँग सिनेटर मार्को रुबिओ ने दी। सिनेटर रुबिओ यह अमरिकी संसद की ‘इंटेलिजन्स कमिटी’ के प्रमुख होने के कारण उनका यह बयान ग़ौरतलब साबित होता है। पिछले हफ़्ते में अमरीका पर हुए सायबरहमले के पीछे रशिया का हाथ होने की बात का स्वीकार विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने शुक्रवार को किया था।
‘अमरीका पर हुए सायबरहमलों की व्याप्ति अभी भी स्पष्ट नहीं हुई है। एकिन यह हमला अभूतपूर्व होकर, दुनिया के गिनेचुने देशों के पास ही यह क्षमता है, ऐसा इससे पहले दिखायी दिया है। जिस प्रकार हमला हुआ है, वह पद्धति रशिया द्वारा सायबरक्षेत्र में कीं जानेवालीं हरक़तों से मिलतीजुलती है। हमलों के पीछे कौन है, इस बात को लेकर हम निश्चित हैं और यह बात अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। अब सिर्फ़ निर्बंध थोंपकर नहीं चलेगा, बल्कि अमरीका को प्रतिहमला करना होगा’, ऐसी आक्रामक माँग सिनेटर रुबिओ ने की।
‘रशियन यंत्रणाओं ने किया हमला अमरीका के इतिहास में बहुत भयानक हमला होकर, उसके परिणाम अभी सामने नहीं आये हैं। इस ख़तरे से पूरी तरह बाहर निकलने के लिए प्रचंड स्रोत और समय आवश्यक है। लेकिन अमरीका को इस हमले के विरोध में ज़बरदस्त और ‘जैसे को तैसा’ जवाब देना ही होगा’, ऐसा मार्को रुबिओ ने जताया। रुबिओ अमरिकी संसद की ‘सिनेट इंटेलिजन्स कमिटी’ के प्रमुख होकर, अमरीका की गुप्तचर यंत्रणाओं पर नज़र रखने की ज़िम्मेदारी इस समिती पर है।
दो साल पहले व्हाईट हाऊस ने अमरिकी यंत्रणाओं ने विदेशी ख़तरों के खिलाफ़ सायबर प्रतिहमलें करने की अनुमति दी थी। उसके लिए ‘सायबर वेपन्स’ का इस्तेमाल करने के लिए भी मान्यता दी गयी थी। इस मंज़ुरी के बाद अमरीका की सायबर कमांड ने, रशिया तथा ईरान के विरोध में आक्रामक सायबर मुहिमें चलायीं होने की बात भी सामने आयी थी। पिछले साल अमरीका के वरिष्ठ अधिकारियों ने ऐसे संकेत दिये थे कि चीन की हरक़तों के खिलाफ़ भी ऐसे हमलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पृष्ठभूमि पर, रुबिओ ने की माँग ग़ौरतलब साबित होयी है।
इसी बीच, ब्रिटन के लष्करप्रमुख जनरल सर निक कार्टर ने रशिया एवं चीन के ख़तरे का उल्लेख करके, उन्हें सायबरक्षेत्र में प्रत्युत्तर देने की क्षमता आवश्यक होने की बात जतायी है। नज़दीकी समय में रशिया और चीन ये दोनों देश ब्रिटन की सुरक्षा के लिए प्रमुख चुनौती तथा बड़ा ख़तरा होंगे, ऐसी स्पष्ट चेतावनी जनरल कार्टर ने दी। इन दोनों देशों को परास्त करने के लिए नयीं नीतिओं की ज़रूरत होकर, उन्हें उन्हीं के खेल में माल देना सीखना होगा, ऐसा ब्रिटन के लष्करप्रमुख ने कहा है।
रशिया और चीन के विरोध में नीति तय करते समय सायबर क्षेत्र और जानकारी का प्रसार इसपर विशेष ध्यान देना होगा, ऐसा कार्टर ने कहा। युद्ध ना भड़कें इस प्रकार से, सायबरक्षेत्र में प्रत्युत्तर देने की क्षमताओं को विकसित करना होगा, ऐसा मशवरा भी जनरल कार्टर ने दिया।
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