निआमे – नायजर के तिलाबेरी इलाक़े में हुए दो आतंकी हमलों में ८० लोगों की मृत्यु हुई होकर, २० से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार हालाँकि किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं किया है, फिर भी ‘बोको हराम’ अथवा ‘आयएस’ से जुड़े गुट ने हमला किया होने का शक़ सूत्रों ने व्यक्त किया है। पिछले ही महीने में ‘बोको हराम’ ने दिफा इलाक़े में किये हमले के बाद यह धमकी दी थी कि यह आख़िरी हमला न होकर और भी हमलें किये जायेंगे।
‘झारोमदारेय’ और ‘तकोम्बान्गोउ’ इन दो गाँवों में एक के बाद एक आतंकी हमलें हुए होने की जानकारी नायजर के अंतर्गत सुरक्षामंत्री अल्काचे अल्हादा ने साझा की। नायजर में पिछले ही हफ़्ते में राष्ट्राध्यक्ष तथा संसदीय चुनावों के लिए मतदान का पहला चरण संपन्न हुआ था। इस मतदान की पृष्ठभूमि पर सुरक्षाव्यवस्था बढ़ायी गयी थी। ऐसा होने के बावजूद भी हमलें होने के कारण, सुरक्षायंत्रणा बेअसर होने के आरोप किये जा रहे हैं।
माली की सीमा के नज़दीक होनेवाले नायजर के दक्षिण भाग के ‘तकोम्बान्गोउ’ में हुए हमले में ५० लोगों की मृत्यु हुई होकर, १७ लोग ज़ख़्मी हुए हैं। इस हमले के तुरन्त बाद ‘झारोमदारेय’ गाँव में हुए हमले में ३० लोगों की मृत्यु हुई, ऐसा बताया जाता है। दोनों हमलें एक ही आतंकवादी संगठन ने कराये होंगे, ऐसा दावा सुरक्षायंत्रणाओं द्वारा किया गया है। हमलावर माली से नायजर में आये होंगे, ऐसा स्थानीय अधिकारियों ने कहा है।
हमले के बाद तिलाबेरी भाग में लष्करी टुकड़ियाँ तैनात की गयीं होकर, खोजमुहिम हाथ में ली गयी है। कुछ दिन पहले इस इलाक़े के गाँववालों ने दो संदिग्ध आतंकियों को मार डाला था। उसका बदला लेने के लिए ये भीषण हमलें किये गये होंगे, ऐसी जानकारी अंतर्गत सुरक्षामंत्री ने दी है। नायजर में जारी होनेवाले चुनावों की पृष्ठभूमि पर सरकार को चेतावनी देने के लिए ये हमले किये गये होंगे, ऐसा दावा भी किया गया है।
पिछले महीने में ‘बोको हराम’ इस आतंकवादी संगठन ने दिफा में किये भीषण हमले में २८ लोगों की जानें गयीं थीं और १०० से अधिक लोग घायल हुए थे। इस बार आतंकियों ने लगभग ८०० घरों को जला भी दिया था। उसके केवल दो ही हफ़्तों में हुआ यह बड़ा आतंकी हमला, देश की सुरक्षायंत्रणाओं की असफलता उजागर करनेवाला साबित होता है।
अफ़्रीका के नायजर, माली, बुर्किना फासो, चाड और मॉरिशानिया इन देशों को ‘साहेल कंट्रीज्’ के रूप में जाना जाता है। इस साहेल क्षेत्र में गत कुछ वर्षों में आतंकवादी संगठनों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ‘अल कायदा’ और ‘आयएस’ इन दोनों संगठनों से जुड़े गुट अपना वर्चस्व बरक़रार रखने के लिए लगातार हमलें कर रहे हैं। अमरीका और फ्रान्स समेत युरोपिय देशों ने हालाँकि आतंकवादविरोधी मुहिम चलायी है, फिर भी उसे अपेक्षित यश न मिला होकर, आतंकवादी संगठन अधिक प्रबल हो रहे हैं, ऐसा इन नये हमलों से दिखायी देता है।
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