अमरीका के विदेशमंत्री ने तैवान का दौरा किया, तो ‘चीन-तैवान’ युद्ध भड़केगा – चीन का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ की धमकी

अमरीका के विदेशमंत्री ने तैवान का दौरा किया, तो ‘चीन-तैवान’ युद्ध भड़केगा – चीन का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ की धमकी

बीजिंग/वॉशिंग्टन – अमरीका द्वारा तैवान के लिए एक के बाद एक होनेवालीं घोषणाओं के कारण चीन पूरी तरह बौखला गया दिख रहा है। अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ आख़िरी पल में तैवान का दौरा कर सकते हैं, ऐसा दावा करके, यह दौरा ‘चीन-तैवान’ युद्ध भड़कनेवाला साबित होगा, ऐसी धमकी चीन के सरकारी मुखपत्र ने दी है। पिछले ही हफ़्ते विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने, अमरीका-तैवान के राजनीतिक संबंधों पर होनेवाले सारे नियंत्रण खारिज़ करने का ऐलान किया था। उसकी आलोचना करते समय ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस अख़बार ने तैवानसमेत अमरीका को धमकाया है।

कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने अपने विस्तारवादी क़ारनामें तेज़ किये होकर, ‘साऊथ चायना सी’ और ‘ईस्ट चायना सी’ समेत विभिन्न भागों पर कब्ज़ा करने की गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। पिछले साल नया सुरक्षा क़ानून लागू करके चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत ने हाँगकाँग पर अपना एकछत्री नियंत्रण शुरू करने में क़ामयाबी हासिल की थी। तैवान यह उसके बाद का पड़ाव है, ऐसा माना जा रहा होकर, चीन के लष्करी अधिकारियों द्वारा वैसे संकेत भी दिये गये हैं। चीन के इन ईरादों को नाक़ाम करने के लिए अमरीका ने तैवान के साथ सहयोग अधिक मज़बूत एवं व्यापक बनाने की शुरुआत की है।

पिछले कुछ सालों में अमरीका ने तैवान को बड़े पैमाने पर शस्त्रसहायता की आपूर्ति की होकर, अब उसके भी आगे जाकर राजनीतिक मान्यता के लिए तेज़ी से कदम उठाये हैं। राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमरीका ने तैवान में, दूतावास का दर्जा होनेवाला अधिकृत राजनीतिक कार्यालय शुरू किया था। सन २०१९ में तैवान के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से भी भेंट की थी। पिछले साल अमरीका ने अपने स्वास्थ्यमंत्री अलेक्स अझार तथा विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केथ क्रॅक को तैवान दौरे पर भेजा था। अमरिकी रक्षाबल के वरिष्ठ गुप्तचर अधिकारी ने तैवान की भेंट की होने की ख़बर भी सामने आयी थी।

उसके बाद अब अमरीका की संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त दूत केली क्राफ्ट तैवान की भेंट करनेवालीं हैं। अमरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के ये दौरे तैवान को राजनीतिक मान्यता देनेवाले माने जाते हैं। इस कारण चीन की हुक़ूमत आगबबूला हुई होकर, अमरीका को लगातार धमका रही है। ‘ग्लोबल टाईम्स’ यह चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत का मुखपत्र होकर, उसके ज़रिये इस हुक़ूमत की भूमिका प्रस्तुत की जाती है। अत: उसमें प्रकाशित होनेवालीं चेतावनियों और धमकियों को चीन के सत्ताधारियों का समर्थन है, ऐसा माना जाता है।

रविवार को प्रकाशित हुए एक लेख में, अमरीका के विदेशमंत्री पॉम्पिओ आख़िरी पल में तैवान की भेंट कर सकते हैं, ऐसा दावा किया गया है। यदि वैसा हुआ, तो चीन के लड़ाक़ू विमान तैवान पर हमला करेंगे और विरोध होने पर आक्रामक कार्रवाई करके तैवान पर कब्ज़ा करेंगे, ऐसी धमकी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है।

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