वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन का निवेश राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा होने की बात कहकर ऑस्ट्रेलिया ने चीनी कंपनी का प्रस्ताव ठुकराया है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के उपक्रम वाली ‘चायना स्टेट कन्स्ट्रक्शन इंजिनिअरिंग’ कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया की ‘प्रोबिल्ड’ कंपनी पर कब्जा करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, अर्थमंत्री जोश फ्रायडनबर्ग और प्रशासन ने यह प्रस्ताव ठुकराया है। ऑस्ट्रेलिया के इस निर्णय पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और चीनी कंपनियों के खिलाफ भेद से भरी नीति चलाई जा रही है, ऐसी आलोचना चीनी प्रवक्ता ने की है।
ऑस्ट्रेलियन कंपनी ने बीते सप्ताह में जारी किए निवेदन में चीनी कंपनी का प्रस्ताव रद करने की जानकारी साझा की थी। यह प्रस्ताव रद करने के पीछे बीते महीने में ऑस्ट्रेलिया की संसद ने पारित किए नए कानून का कारण बताया गया है। बीते महीने में ऑस्ट्रेलिया की संसद ने चीन का बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए सरकार को नकाराधिकार प्रदान करनेवाला नया कानून पारित किया था। ऑस्ट्रेलिया के प्रांतिक प्रशासन के साथ किसी भी यंत्रणा ने या संस्था ने विदेशी हुकूमत एवं कंपनी के साथ किया हुआ समझौता रद करने का प्रावधान इस कानून के तहत किया गया था। वर्णित कानून के विधेयक में विदेशी हुकूमत का ज़िक्र किया हो, फिर भी यह विधेयक प्रमुखता से चीन के साथ किए गए समझौतों को लक्ष्य करनेवाला होने की बात कही जा रही है।
यह कानून पारित होने से पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और प्रशासन ने चीन की बढ़ती दखलअंदाज़ी के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई थी। कुछ दिन पहले ही सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में चीनी कंपनी द्वारा ४०० मेगावॉट के ऊर्जा प्रकल्प का निर्माण करने से इन्कार किया था। इससे पहले अर्थमंत्री फ्रायडनबर्ग ने चीन की ‘मेंगनिऊ’ कंपनी की ऑस्ट्रेलियन डेअरी कंपनी पर कब्ज़ा करने की कोशिश नाकाम की थी। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया से नया नकार प्राप्त होने से चीन की बड़ी बौखलाहट होने की बात सामने आयी हैं।
ऑस्ट्रेलिया की सरकार चीनी कंपनियों से भेदपूर्ण बर्ताव कर रही है और उसके निर्णय बाज़ार के तत्वों का उल्लंघन हैं, यह आरोप चीन के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने किया है। ऑस्ट्रेलिया व्यापार और निवेश से संबंधित मुद्दों पर राजनीति कर रही है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया।
ऑस्ट्रेलिया की सियासत के साथ उद्योग, प्रौद्योगिकी, शिक्षा क्षेत्रों में भी चीन अपना प्रभाव काफी हद तक बढ़ाने में जुटा होने की बात सामने आयी थी। चीन की इसी दखलअंदाज़ी को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने एक के बाद एक नए कानून एवं आक्रामक निर्णय किए हैं। इसी बीच विश्वभर में फैली कोरोना की महामारी के मुद्दे पर चीन के खिलाफ ड़टकर भूमिका अपनाकर ऑस्ट्रेलिया ने इस संक्रमण की जाँच करने की माँग भी की है। साउथ चायना सी, हाँगकाँग, ५ जी जैसे कई मुद्दों पर ऑस्ट्रेलिया ने चीन का दबाव सार्वजनिक तौर पर ठुकराया है।
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