काबुल – पिछले चौबीस घंटों में तालिबान ने अफगानिस्तान में कराए बम विस्फोट और गोलीबारी की घटनाओं में २८ लोगों की जान गई होकर, इनमें ७ नागरिकों का समावेश है। उसके बाद अफगानी लष्कर ने की कार्रवाई में २०३ आतंकियों को मार गिराया। इनमें अल कायदा के २२ पाकिस्तानी आतंकियों का भी समावेश होने की जानकारी अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने दी।
इसी बीच, ‘अमरीका की सेना वापसी के फैसले के कारण, तालिबान और पाकिस्तान में स्थित उनके संरक्षक हैरान हुए हैं और उनपर कुछ मुश्किल फैसले करने की नौबत आई है। अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित करनी है या हिंसा का मार्ग अपनाना है, यह तालिबान और उनके संरक्षकों को तय करना है। अगर चर्चा छोड़कर हिंसा का विकल्प अपनाया, तो उन्हें दफन भूमि की शांति नसीब होगी’, ऐसी चेतावनी अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने दी है।
अमरीका की सेना वापसी पर, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी ने अमरिकी मासिक पत्रिका के लिए लेख लिखा है। ‘अमरीका की यह वापसी अफगानिस्तान में तालिबान के लिए और कुल मिलाकर इस क्षेत्र के लिए भी, अवसर और खतरा ऐसे दो विकल्प सामने रखनेवाली है। इनमें से उचित विकल्प का चयन किया, तो अफगानिस्तान में और कुल मिलाकर इस क्षेत्र में भी शांति और स्थिरता निर्माण होगी। इसके लिए तालिबान को हिंसाचार छोड़कर चुनावों का सामना करना पड़ेगा। अफगानियों के अर्थात महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करना होगा’, इसकी याद राष्ट्राध्यक्ष गनी ने करा दी।
लेकिन तालिबान को अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के बजाय देश की सत्ता पर कब्ज़ा करने में ही अधिक दिलचस्पी होने की आलोचना राष्ट्राध्यक्ष गनी ने की। साथ ही, अगर तालिबान ने फिर से हिंसा का मार्ग चुना, तो भी अफगानिस्तान पुनः १९९० के दशक में नहीं जाएगा, ऐसा विश्वास भी अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने व्यक्त किया। अफगानिस्तान की सरकार और लष्कर पहले से अधिक सक्षम हैं। अमरीका की पूरी वापसी के बाद भी, अपने देश की और जनता की सुरक्षा के लिए हम तैयार हैं, ऐसा दावा राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया। कुछ दिन पहले अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी ने भी, तालिबान को खत्म करने के लिए अपने जवान सिद्ध होने की घोषणा की थी।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को जारी की जानकारी के अनुसार, पिछले चौबीस घंटों में लष्कर ने लाघमान, गझनी, कंदहार, झाबूल, हेरात, हेल्मंड और बाघलान प्रांतों में तालिबान के विरोध में बड़ी कार्रवाई की। इसमें १८१ तालिबानी ढेर हुए और ८७ तालिबानी घायल हुए। साथ ही, अफगानी लष्कर ने हेल्मंड प्रांत में चलाई विशेष मुहिम में अलकायदा के २२ आतंकियों का खात्मा किया। ये सभी आतंकी पाकिस्तानी थे, ऐसी जानकारी अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने दी।
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