- इस्लामिक जिहाद का वरिष्ठ कमांडर ढ़ेर
- ‘ओआयसी’ की बैठक में हुई इस्राइल की आलोचना
जेरूसलम/कैरो – ‘इस्राइली जनता की सुरक्षा की गारंटी के बगैर इस्राइल शांत नहीं बैठेगा। इस्राइल के गाज़ा पर पूरी ताकत के साथ आगे भी हमले जारी रहेंगे। कुछ भी हो जाए, हमास पर इस्राइल के हमले रुकेंगे नहीं’, यह ऐलान इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है। इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष ने दूसरे हफ्ते में प्रवेश किया है। अब तक हुए इस संघर्ष के दौरान २०० से अधिक पैलेस्टिनी और १० इस्राइली नागरिक मारे गए हैं।
इस्राइल और हमास के बीच जारी संघर्ष संहारक युद्ध में तब्दील होगा, ऐसी चिंता विश्वभर में जताई जा रही है। प्रमुख देशों ने और संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षी परिषद ने भी इस्राइल और हमास को युद्धविराम का आवाहन किया है। गाज़ा पर हो रहे हमले रोकने के लिए इस्राइल पर दबाव डाला जा रहा है। लेकिन, इस्राइल के प्रधानमंत्री ने इस मसले पर निर्णायक भूमिका अपनाई है। ‘दोहरा युद्ध अपराध कर रहे हमास को इसकी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर किए बगैर इस्राइल शांत नहीं बैठेगा’, यह इशारा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दिया है।
‘हज़ारों रॉकेट्स और मिसाइलों की इस्राइली जनता पर बौछार करने के साथ ही पैलेस्टिनी जनता का मानवी ढ़ाल के तौर पर इस्तेमाल करना हमास का दोहरा युद्ध अपराध साबित होता है’, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने लगाया है। इसके साथ ही इस्राइल ने गाज़ा में मौजूद हमास के ठिकानों को ही लक्ष्य किया होने की बात इस्राइली प्रधानमंत्री ने ड़टकर कही है। अमरीका के विशेषदूत के सामने भी इसके सबूत पेश किए होने की जानकारी नेत्यान्याहू ने प्रदान की। साथ ही इस संघर्ष में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भी हमारे समर्थन में होने का ऐलान नेत्यान्याहू ने किया है।
प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के इस ऐलान के बाद इस्राइली सेना ने गाज़ापट्टी पर हमले तेज़ किए। इस्राइल के लड़ाकू विमानों की कार्रवाई में इस्लामिक जिहाद का वरिष्ठ कमांडर ‘हुसाम अबू हारबीद’ मारा गया है। इस दौरान शुक्रवार के दिन हुए हमले से बच निकला हमास का नेता ‘याह्या सिन्वर’ और ‘मोहम्मद दिएफ’ हमारे निशाने पर होने का ऐलान भी इस्राइली सेना ने किया है। इस वजह से हमास को बड़े झटके दिए बगैर यह हमले बंद नहीं होंगे, ऐसे इस्राइली नेताओं द्वारा दिए जा रहे इशारे सच्चाई में उतरते हुए दिख रहे हैं।
हमास और इस्लामिक जिहाद के आतंकियों ने भी सोमवार की शाम तक इस्राइल के अश्दोग, एश्खेलॉन शहर पर भारी संख्या में रॉकेट्स की बौछार की। इन हमलों में तीन इस्राइली घायल हुए है। इसके अलावा पूर्व जेरूसलम के शेख जराह हिस्से में पैलेस्टिनी चरमपंथी ने पुलिस चेकपोस्ट पर तैनात इस्राइली सैनिकों पर अपनी गाड़ी टकराई। इस दौरान सात इस्राइली सैनिक घायल हुए। कुछ घंटे पहले एक इस्राइली सैनिक को चाकू से मारने की कोशिश भी गई थी।
इस्राइल और पैलेस्टिनियों के बीच इस संघर्ष की पृष्ठभूमि पर ‘ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआयसी) की रविवार के दिन विशेष बैठक हुई। इस बैठक में इस्राइल के खिलाफ गाज़ा में पैलेस्टिनी जनता को लक्ष्य करने का आरोप तुर्की, ईरान और पाकिस्तान ने लगाया। साथ ही इस्राइल के हमलों से पैलेस्टिनियों की रक्षा करने के लिए ‘ओआयसी’ का स्वतंत्र लष्करी दल जेरूसलम में तैनात करने का प्रस्ताव भी तुर्की ने पेश किया। तुर्की के इस प्रस्ताव का पाकिस्तान ने तुरंत समर्थन किया। लेकिन, अन्य देशों ने इतनी तीव्र भूमिका ना अपनाकर इस्राइल और पैलेस्टिनियों से संघर्ष रोकने का आवाहन किया।
इसी बीच, अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन ने सौदी, इजिप्ट और कतार के विदेशमंत्रियों से फोन पर बातचीत करके, गाज़ा में संघर्ष को लेकर खाड़ी क्षेत्र के इन तीनों देशों की भूमिका अमरिकी विदेशमंत्री ने जान ली है, ऐसा कहा जा रहा है।
इस समाचार के प्रति अपने विचार एवं अभिप्राय व्यक्त करने के लिए नीचे क्लिक करें:
https://twitter.com/WW3Info | |
https://www.facebook.com/WW3Info |