मास्को – ‘हर कोई रशिया को काटने या इसके टुकड़े करने की कोशिश कर रहा है। यदि कभी ऐसा हुआ या जब होगा तब रशिया ऐसी कोशिश करनेवालों के दांत उन्हीं के गले में ठूंसे बगैर नहीं रहेगी, यह बात ध्यान में रखें। प्रतिद्वंद्वि देश रशिया का प्रचंड़ आकार और उसके पास नैसर्गिक साधन-संपत्ति पर नज़र बनाए हैं। इस वजह से रशिया अधिक ताकतवर होते समय इसके पंखों को छाटने के लिए कारण खोज रहे हैं’, ऐसी तीखी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है। बीते कुछ महीनों में रशिया और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर दिया गया यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है।
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान रशिया ने जर्मनी की नाज़ी हुकूमत को परास्त किया था। उस समय मारे गए रशियन सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘विक्टरी ऑर्गनायज़िग कमिटी’ का गठन किया गया था। इस कमिटी की बैठक के दौरान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया के विरोधियों को फिर से अपनी ताकत का अहसास कराया। इस बैठक में उन्होंने रशियन सम्राट ‘ज़ार ऐलग्ज़ैन्डर-३’ के बयान का भी ज़िक्र किया। ‘रशिया का अति प्रचंड़ आकार सभी को ड़राता है, यह बयान हमारें सम्राट ने किया था’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा। रशिया ने अपनी एक तिहाई क्षमता खोई है, फिर भी अन्य कई देशों के लिए रशिया आज भी प्रचंड़ बड़ा देश है, यह इशारा भी पुतिन ने इस दौरान दिया।
राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने रशिया का विरोध कर रहे पश्चिमी देशों को इशारा देने का इस महीने का यह दूसरा अवसर है। दो हफ्ते पहले ‘विक्टरी डे’ के अवसर पर राजधानी मास्को में आयोजित लष्करी परेड़ के बीच पुतिन ने, रशिया किसी भी मुद्दे से पीछे नहीं हटेगी, ऐसा ड़टकर कहा था।
बीते कुछ महीनों में रशिया और पश्चिमी देशों में तनाव फिर से बढ़ता हुआ दिख रहा है। अमरीका ने अपने पर हुए सायबर हमलों के पीछे रशिया का हाथ होने का दावा करके प्रतिबंध लगाए थे। इसके साथ ही पुतिन के विरोधी ऐलेक्सी नैवेल्नी के खिलाफ हुई कार्रवाई, ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ र्इंधन पाइपलाइन एवं युक्रैन विरोधी गतिविधियों के मुद्दे पर भी आक्रामक निर्णय किए गए हैं। यूरोपिय देशों ने भी नैवेल्नी मामला एवं युक्रैन के मुद्दे पर रशिया विरोधी भूमिका अपनाकर प्रतिबंध लगाए हैं।
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