‘विंटर ऑलिम्पिक’ के बाद चीन तैवान पर कब्ज़ा करेगा – अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले की चेतावनी

‘विंटर ऑलिम्पिक’ के बाद चीन तैवान पर कब्ज़ा करेगा – अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘पिछली बार जब चीन में ऑलिम्पिक का आयोजन किया गया था, उस समय चीन उभरता देश था। लेकिन, इस बार चीन में आयोजित हो रहा ‘विंटर ऑलिम्पिक’ अगर ठीक से संपन्न होता है, तो चीन इसका इस्तेमाल स्वयं को महासत्ता दर्शाने के लिए करेगा। इसमे सफलता प्राप्त होने के साथ ही चीन तैवान को निवाला बनाए बगैर नहीं रहेगा, ये मेरे शब्द ध्यान में रखें। जैसें ही चीन ने तैवान पर कब्ज़ा करता है, उसका प्रभाव मात्र उसी क्षेत्र तक सीमित नही रहेगा। उसके बाद चीन अन्य देशों के क्षेत्र पर भी कब्ज़ा करेगा’, ऐसी दहलानेवाली चेतावनी निक्की हैले ने दी है।

निक्की हैले

सन २०२२ के ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का आयोजन चीन में हो रहा है। इसपर अमरीका बहिष्कार करें, यह माँग भी निक्की हैले ने की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की पूर्व राजदूत रहीं निक्की हैले, अमरीका की मौजूदा राजनीति में प्रभावी नेता की पहचान बनाकर सक्रिय हैं। उन्होंने ही सन २०१९ में ‘स्टैंड फॉर अमरीका’ नामक गुट गठित किया था। इसी गुट के ज़रिये अमरीका की विदेश नीति को लेकर बातचीत होती है। ‘स्टैंड फॉर अमरीका’ को दिए साक्षात्कार का कुछ हिस्सा प्रकाशित हुआ है। वर्ष २०२५ में होनेवाले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के चुनाव में निक्की हैले बतौर उम्मीदवार शामिल होंगी, यह चर्चा जारी है। ऐसी स्थिति में हैले ने चीन को लेकर दी चेतावनी ध्यान आकर्षित कर रही है।

चीन अपनी सेना का निर्माण कर रहा है। विश्‍व की सबसे ताकतवर नौसेना भी अब चीन ही रखता है। चीन के बेड़े में प्रगत हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी मौजूद है। अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए चीन तेज़ गति से कदम उठा रहा है। इसी बीच अमरीका अभी भी अपने रक्षाबलों के आधुनिकीकरण की ओर ज्यादा ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। दूसरीं ओर चीन बौद्धिक संपदा कानून का उल्लंघन करके अमरीका की बौद्धिक संपदा की लूट कर रहा है। उइगरवंशी इस्लामधर्मियों पर बड़ा अत्याचार करनेवाला चीन उनका वंशसंहार भी कर रहा है। हम और एक वंशसंहार शांति से बर्दाश्‍त नहीं कर सकतें, इन शब्दों में निक्की हैले ने चीन से बढ़ता खतरा रेखांकित किया।

निक्की हैले

संयुक्त राष्ट्रसंघ में बतौर अमरीका की राजदूत काम करते समय मैंने चीन के प्रतिनिधि शांति से काम करते हुए देखे थे। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के हाथों में चीन के सभी अधिकार केंद्रित हुए और स्थिति में बदलाव हुआ। राष्ट्रसंघ की अहम संस्थाओं के प्रमुख पदों पर अपने लोगों को रखने के लिए चीन ने गतिविधियाँ शुरू कीं। राष्ट्रसंघ में अपने पक्ष में वोट ना करनेवाले देशों को धमकाने तक चीन की मजाल गई थी, इसपर हैले ने गौर फरमाया।

इसी वजह से, बौद्धिक संपदा कानून का उल्लंघन करके अमरीका को नुकसान पहुँचा रहें चीन पर, डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में प्रतिबंध लगाए थे। मौजूदा प्रशासन यदि इसी राह पर चलता है, तो वह अमरीका के लिए लाभकारक ही साबित होगा। राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अध्यक्ष रहें समिती ने, अपने देश में उद्योग कर रहीं कंपनियों के लिए चीन की सेना से सहयोग करना बंधनकारक किया हैं। तकनीक के क्षेत्र में काम कर रहीं अमरिकी कंपनियाँ भी इससे बच नहीं सकी हैं। अमरीका में कोरोना का संक्रमण होने के दौरान चीन में कारोबार कर रहीं ‘थ्री एम’ और ‘हनीवेल’ नामक अमरिकी कंपनियों ने ‘पीपीई किटस्‌’ तैयार किए थे। लेकिन, चीन ने ये ‘पीपीई किटस्‌’ और अन्य ज़रूरी सामान अमरीका को प्राप्त करने नहीं दिया। उनके ‘पीपीई किटस्‌’ चीन ने ही बड़ी मात्रा में खरीदे थे। अपनी माँगे पूरी करनेवाले देशों को ही यह ‘पीपीई किटस्‌’ प्रदान करने का निर्णय चीन ने किया था।
इस तरह से चीन अमरीका समेत सभी देशों को मज़बूर कर रहा हैं। चीन की ऐसीं हरकतें हमारीं रातों की निंद उड़ा रही हैं, ऐसा कहकर हैले ने इसकी गंभीरता रेखांकित की। अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितसंबधों को चीन से बन रहा खतरा भयंकर स्वरूप प्राप्त करने लगा है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके हैले ने अमरीका को दी चेतावनी अन्य देशों के लिए गंभीर चिंता का विषय साबित हो रही है। ताइवान, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के नेता भी इस ओर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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