वेलिंग्टन/बीजिंग – ‘ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंधों में फिलहाल जो भी कुछ तनाव बना है, उसे हम अनदेखा नहीं कर सकते। चीन से उठ रहे तूफ़ान की पहुँच में ऑस्ट्रेलिया है या इस तूफ़ान में फँसा है, ऐसा भी कह सकते हैं। यदि ऐसा है, तो न्यूज़ीलैण्ड को भी करीबी दौर में चिनी तूफ़ान का सामना करना पड़ सकता है’, ऐसी चेतावनी न्यूज़ीलैण्ड की विदेशमंत्री नानिआ माहुता ने दी। नानिआ माहुता के इस बयान पर चीन ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और न्यूज़ीलैण्ड ध्यान विचलित करने की गतिविधियों से दूर रहें और सामरिक भागीदारी मज़बूत करने पर जोर दें, यह इशारा चीन ने दिया है।
ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े व्यापारी भागीदार देश के तौर पर चीन की पहचान बनी है। इसके साथ ही चीन ने ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाया है और इस बल पर दखलअंदाज़ी करना भी शुरू किया है। इस दखलअंदाज़ी को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और सरकार ने आक्रामक निर्णय करने का सिलसिला शुरू किया है। मॉरिसन की सरकार ने शुरू की हुई इस कार्रवाई की वजह से चीन काफी बेचैन हुआ है और अपने आर्थिक एवं व्यापारी ताकत का इस्तेमाल करके ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात हो रहें उत्पादों पर अतिरिक्त कर लगाए हैं और कुछ सामानों पर अघोषित पाबंदी भी लगाई है। इसी बीच चीन ने ऑस्ट्रेलिया के मंत्रियों के साथ बातचीत करना भी बंद किया है।
ऑस्ट्रेलिया के साथ ही, न्यूज़ीलैण्ड एवं चीन के संबंधों में भी तनाव निर्माण होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। वर्ष २०१८ में न्यूज़ीलैण्ड ने चीन की ‘हुवेई’ कंपनी पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया था। इसके बाद तिब्बत, तैवान, हाँगकाँग का कानून और झिंजियांग में उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर न्यूज़ीलैण्ड ने चीन विरोधी भूमिका अपनाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने इन मुद्दों पर आक्रामक भूमिका अपनाने के बाद, चीन ने आर्थिक और व्यापारी स्तर पर झटके देना शुरू किया था। इस पृष्ठभूमि का एहसास रखकर न्यूज़ीलैण्ड के विदेशमंत्री ने यह चेतावनी दी हुई दिख रही है।
इस दौरान उन्होंने न्यूज़ीलैण्ड के उद्योगक्षेत्र को, चीन के अलावा अन्य बाज़ारों पर ध्यान केंद्रित करने का आवाहन किया। चीन के साथ विवाद शुरू हुआ, तो इसका मुकाबला करने की तैयारी रखें, ऐसा स्पष्ट संदेश भी विदेशमंत्री माहुता ने इस दौरान दिया। न्यूज़ीलैण्ड और चीन का द्विपक्षीय व्यापार २१ अरब डॉलर्स है और चीन ही न्यूज़ीलैण्ड का सबसे बड़ा व्यापारी साझेदार बना है। न्यूज़ीलैण्ड की कुल ३० प्रतिशत निर्यात चीन को होती है। कुछ महीनें पहले ही न्यूज़ीलैण्ड ने, चीन के साथ किए मुक्त व्यापार समझौते की अवधि १० वर्ष के लिए बढ़ाने को मंज़ूरी दी है।
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