चीन से अमरीका के लिए खतरा बहुत बढ़ा – अमरिकी रक्षामंत्री ने कबूला

वॉशिंग्टन – ‘अमरीका की सुरक्षा के लिए चीन से पहले भी खतरा था और आज भी है। लेकिन, मौजूदा दौर में यह खतरा लगातार बढ़ रहा है और इसका बंदोबस्त करना हमारे लिए सबसे अहम बात है। इसी वजह से सामरिक नज़रिये से अहमियत वाले इंड़ो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोगी और मित्रदेशों के साथ अधिक गहरी मित्रता स्थापित करने पर अमरीका ने ध्यान केंद्रीत करना अब सच में अहम बन गया है’, इन शब्दों में अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने इंडो-पैसिफिक देशों की अहमियत रेखांकीत की। इसके साथ ही इस क्षेत्र में चीन की लष्करी महत्वाकांक्षा को रोकने के लिए अमरीका ने ‘टास्क फोर्स’ का गठन किया होने की जानकारी रक्षामंत्री ऑस्टिन ने साझा की।

इंडो-पैसिफीक क्षेत्र की सुरक्षा को चीन की आक्रामक लष्करी गतिविधियों से खतरा होने का ज़िक्र लगातार होने लगा है। दो दिन पहले ब्रुसेल्स में हुई नाटो की बैठक में पहली बार चीन के खतरे को लेकर खुली बातचीत हुई। इसी दौरान साउथ चायना सी में जारी गतिविधियाँ इस क्षेत्र के देशों के साथ ही बाहरी देशों का भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं, ऐसे सूचक शब्दों में भारत के रक्षामंत्री ने आसियान देशों की बैठक में चीन की वर्चस्ववादी हरकतों पर ध्यान आकर्षित किया।

बीते कुछ हफ्तों में अमरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन और इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख ने चीन की चुनौती का मुकाबला करने के लिए भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग की भूमिका रखी थी। अमरीका के लष्करी अधिकारी चीन को लेकर सख्त भूमिका अपना रहे हैं और इस दौरान बायडेन प्रशासन नरमाई की नीति अपना रहा है, यह आरोप लगाए जा रहे थे। ऐसे में सिनेट की ‘एप्रोप्रिएशन कमिटी’ के सामने बयान करते समय अमरिकी रक्षामंत्री ने यह बात कबूली कि, चीन के खतरे का बंदोबस्त करना हमारी हमेशा से ही प्राथमिकता रही है।

‘चीन के खतरे का बंदोबस्त करने के लिए हमने विदेशमंत्री ब्लिंकन के साथ पहली विदेश यात्रा के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थित अमरीका के मित्रदेशों का दौरा किया’ यह कहकर ऑस्टिन ने जापान, दक्षिण कोरिया जैसे अमरीका के सहयोगी और इसके बाद अमरीका के भागीदार भारत के दौरे का ज़िक्र किया। अब दो दिन पहले आसियान की बैठक में स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए आग्नेय एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिए जाने की बात ऑस्टिन ने कही।

इसके साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षा एवं लष्करी गतिविधियाँ रोकने के लिए इस क्षेत्र में स्थायी ‘नेवल टास्क फोर्स’ गठित करने की बात ऑस्टिन ने कही। इस टास्क फोर्स का काम बीते हफ्ते पूरा होने की जानकारी अमरिकी रक्षामंत्री ने सिनेट की समिती के सामने रखी। इसके लिए ‘अमरीका को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सहयोगी एवं मित्रदेशों के साथ अधिक मज़बूत मित्रता स्थापित करने पर ध्यान केंद्रीत करना अब यकीनन अहम हो गया है। चीन के इस खतरे के खिलाफ अमरीका को प्रगत लष्करी सामर्थ्य विकसित करना होगा। इसके लिए पेंटॅगॉन प्रस्तावित बजेट मंजूर करे’, यह आवाहन भी ऑस्टिन ने किया।

इसी बीच, चीन की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अमरिकी नौसेना चीन के विरोध में स्वतंत्र दल का गठन करने में जुटी होने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लेकिन, इस खबर की अभी पेंटॅगॉन ने पुष्टी नहीं की है।

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