वॉशिंग्टन/मास्को/बीजिंग – अगले दिनों में यदि अमरीका पर बड़ा सायबर हमला हुआ तो इससे शत्रु देश के खिलाफ वास्तव में युद्ध शुरू हो सकता है, ऐसा इशारा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दिया। बीते कुछ दिनों में अमरीका ने चीन और रशिया को सायबर हमलों के मुद्दे पर लक्ष्य किया था। इस वजह से बायडेन ने चीन और रशिया को ही युद्ध का इशारा दिया होने का दावा किया जा रहा है।
बीते हफ्ते ‘मायक्रोसॉफ्ट एक्सेंज सर्वर’ पर हुए हमले के पीछे चीन का ही हाथ होने का आरोप अमरीका ने लगाया था। तब राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने सायबर हमलों के मामले में चीन रशिया से भी अधिक बुरा और घातक देश होने का आरोप लगाकर हमलावर हैकर्स को चीन आश्रय एवं आवश्यक सुविधा प्रदान कर रहा है, यह आरोप भी लगाया था। इसके बाद अमरिकी यंत्रणाओं ने बीते दशक से हुए सायबर हमलों की जानकारी सार्वजनिक करते समय इन हमलों के पीछे भी चीन के ही हैकर्स के होने का बयान किया था।
चीन पर यह आरोप लगाने से पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया को भी लक्ष्य किया था। बीते महीने में जिनेवा में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान बायडेन ने यह इशारा दिया था कि, रशिया ने संवेदनशील क्षेत्रों में सायबर हमले करने की कोशिश की तो इसे सख्त प्रत्युत्तर दिया जाएगा। इसके बाद अमरीका पर हुए रैन्समवेअर सायबर हमलों के मामलों में रशिया कार्रवाई करे और ऐसा ना होने पर रशिया को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे, यह इशारा भी कुछ दिन पहले दिया गया था।
इस पृष्ठभूमि पर मंगलवार के दिन अमरिकी गुप्तचर प्रणाली के मुख्यालय में हुए कार्यक्रम के दौरान बायडेन ने सायबर हमले के मुद्दे पर बोलते समय ‘रिअल शूटिंग वॉर’ का ज़िक्र करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘अगले दिनों में यदि अमरीका का किसी बड़े देश के साथ युद्ध होता है तो इसका कारण सायबर हमला ही होगा। अमरीका को बड़ा झटका देनेवाला और प्रचंड़ परिणाम करनेवाला सायबर हमला हुआ तो यह घटना युद्ध में तब्दील हो सकती है, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने दिया।
अमरीका में बीते वर्ष हुए ‘सोलरविंडस्’ सायबर हमलों में रशिया का हाथ होने का आरोप अमरिकी यंत्रणाओं ने लगाया था। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इस मामले में रशिया को प्रत्युत्तर देने के लिए विशेष योजना तैयार करने के आदेश भी दिए थे। अमरिकी यंत्रणा रशिया पर सायबर हमले करेगी, यह इशारा भी दिया गया था। लेकिन, इसके बाद अमरीका पर बड़ी मात्रा में ‘रैन्समवेअर’ के हमले हुए हैं और इस दौरान करोड़ों डॉलर्स की फिरौती की भी माँग होने की बात सामने आयी थी। रशिया के साथ ही चीन ने भी अमरिकी यंत्रणा और कंपनियों पर बड़े सायबर हमले करने की बात स्पष्ट हुई है।
इससे पहले सायबर हमलों पर प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिकी यंत्रणाओं द्वारा ‘सायबर वेपन्स’ का निर्माण करने की जानकारी सामने आयी थी। लेकिन, अब अमरीका की नीति अधिक आक्रामक हुई है और बायडेन ने सायबर हमलों के मुद्दे पर प्रत्यक्ष युद्ध का इशारा देना इसी के संकेत हैं।
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