ईंधन रिसाव वाले ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ के क्षेत्र पर अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा का नियंत्रण

- रशियन विदेश विभाग की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा का आरोप

ईंधन

ब्रुसेल्स/मास्को – रशिया और यूरोपिय देशों के बीच स्थापित ’नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधन पाइपलाइन से दिन पहले ईंधन वायु का गूढ़ता से रिसाव हुआ था। इसके पीछे अमरीका का हाथ होने का आरोप रशिया के विदेश विभाग ने लगाया है। विदेश विभाग की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने रिसाव वाला क्षेत्र स्वीडन और डेन्मार्क का हिस्सा है और इन देशों पर अमरीका के गुप्तचर विभाग का नियंत्रण है, ऐसी फटकार लगायी। इसी बीच अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने नॉर्ड स्ट्रीम से हुए रिसाव की घटना हमले की साज़िश है और इससे युद्ध छिड़ सकता है, यह चेतावनी दी। इसी बीच बाल्टिक क्षेत्र में हुए ईंधन के रिसाव की पृष्ठभूमि पर नॉर्वे ने अपने ईंधन क्षेत्र में सेना तैनात करने का निर्णय किया है।

सोमवार को डेन्मार्क का हिस्सा होनेवाले ‘बॉर्नहोम आयलैण्ड’ के करीबी समुद्री क्षेत्र में ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन पाइपलाइन से रिसाव होने की पहली घटना सामने आयी थी। इसके बाद पिछले दो दिनों में ईंधन पाइपलाइन से चार ठिकानों पर रिसाव देखा गया है। इस वजह से वर्णित क्षेत्र के समुद्र में ‘गैस बबल्स’ दिखाई देने लगा है और कुछ ठिकानों पर विस्फोट की आवाज़ें सुनाई पड़ी है। इस कारण स्वीडन और डेन्मार्क समेत यूरोपिय देशों में ड़र का माहौल है। इस क्षेत्र में समुद्री यातायात के साथ बुनियादी सुविधाओं की सुरक्षा का मुद्दा भी उठा है। ऐसे में नाटो ने सदस्य देशों से चर्चा शुरू की है और समुद्री क्षेत्र में तैनाती एवं गश्त बढ़ाने के संकेत दिए हैं।

इस रिसाव के मामले में नाटो और यूरोपिय महासंघ ने रशिया पर आरोप लगाया था। बाल्टिक समुद्री क्षेत्र में रशिया की रक्षा तैनाती काफी बड़ी है और रशिया ने ही यह हादसा करवाया, ऐसा आरोप महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने लगाया था। नाटो के प्रमुख स्टॉल्टनबर्ग ने भी इसकी पुष्टि करके नाटो रशिया की गतिविधियों पर प्रत्युत्तर देगी, यह इशारा दिया था। लेकिन, रशिया ने यह आरोप ठुकराए हैं और ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ को क्षति पहुंचने से सबसे ज्यादा नुकसान रशिया का ही होगा, इस ओर ध्यान आकर्षित किया था। रशिया के विदेश विभाग ने इस हादसे के क्षेत्र नाटो सदस्य देशों के हैं और उन पर अमरीका का नियंत्रण होने का आरोप लगाया। यूरोप ने इन मामलों की गहरी जाँच करना तय किया तो इसके संदिग्ध हमलावरों में अमरीका को भी शामिल किया जाए, यह माँग भी रशिया ने की है।

इसी बीच अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने नॉर्ड स्ट्रीम पर हमले की साज़िश युद्ध का कारण बन सकती है, यह दावा भी किया। हमले की घटना उकसावा देती है और इससे संघर्ष छिड़ेगा, यह भी ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा है। हम राष्ट्राध्यक्ष थे तब इस ईंधन पाईपलाईन के खतरे पर ध्यान आकर्षित किया था, यह भी उन्होंने अपने दावे में कहा है।

‘नॉर्ड स्ट्रीम १’ रशिया से यूरोप को ईंधन वायु की आपूर्ति करनेवाली प्रमुख ईंधन पाइपलाइन है। लेकिन, पिछले कुछ हफ्तों से इस पाइपलाइन से आपूर्ति रोकी गई है। यूरोपिय देश प्रतिबंध हटाएँगे तभी सप्लाई शुरू करेंगे, ऐसी आक्रामक भूमिका रशिया ने अपनाई है। इसी बीच ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ से जर्मनी की सरकार ने अनुमति देने से इन्कार करने के कारण ईंधन वायु की सप्लाई शुरू नहीं हुई है। ईंधन सप्लाई बंद होने के बावजूद ईंधन वायु का रिसाव होने की घटना रहस्यमय है।

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