अथेन्स/अंकारा – भूमध्य सागरी क्षेत्र में बने तनाव को लेकर ग्रीस, जॉर्डन और साइप्रस ने तुर्की को नई चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र संगठन का प्रस्ताव और अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करके तुर्की साइप्रस के मामले में दखलअंदाजी ना करें, ऐसा तीनों देशों ने डटकर कहा है। तुर्की ने ‘नॉर्दर्न साइप्रस’ के विवादास्पद भाग पुनः खुले करने का फैसला किया। साथ ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने हाल ही में इस भाग की भेंट भी की, ऐसा सामने आया है। तुर्की की इन हरकतों पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ग्रीस, जॉर्डन और साइप्रस की बैठक भी उसी का भाग मानी जाती है।
पिछले कुछ सालों में किए गए विभिन्न सर्वेक्षणों में से यह बात सामने आई है कि भूमध्य सागरी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इंधन के भंडार हैं। उनमें से अधिक से अधिक भंडारों पर कब्ज़ा करने के लिए तुर्की ने पिछले साल से आक्रामक गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। भूमध्य सागर में ग्रीस और साइप्रस की सीमा में होनेवाले इंधन के भंडारों पर तुर्की ने अपना हक बताया है। अगस्त महीने में और उसके बाद तुर्की ने ‘रिसर्च शिप’ तथा युद्धपोत भेजकर भूमध्य सागर में एक के बाद एक मुहिमें चलाने की शुरुआत की थी। तुर्की के इन कारनामों पर ऐतराज जताकर ग्रीस ने भूमध्य सागर में अपनी तैनाती बढ़ाई थी।