तेल अविव – चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ से जुड़े हैकर्स के गुट ने इस्रायल पर अब तक का सबसे बड़ा साइबर हमला किया। इस्रायल के रक्षा क्षेत्र की कंपनियों समेत सरकारी कार्यालयों को भी चिनी हैकर्स ने लक्ष्य किया होने की जानकारी सामने आई है। इस्रायल पर साइबर हमले करने के लिए चिनी हैकर्स ने, वे ‘ईरानी हैकर्स’ होने का नाटक किया, यह सामने आया है।
साइबर सुरक्षा से संबंधित ‘फायर आय’ इस अमेरिकन कंपनी ने प्रकाशित की रिपोर्ट के अनुसार, इस्रायल के रक्षा क्षेत्र, सरकारी कार्यालय, तंत्रज्ञान क्षेत्र और संपर्क यंत्रणा से संबंधित कंपनियों पर साइबर हमले किए गए। इन साइबर हमलों की शुरुआत दो साल पहले हुई थी। ‘फायर आय’ ने खुलेआम इन साइबर हमलों के लिए चीन को दोषी नहीं ठहराया है।
लेकिन कंपनी के ही ‘थ्रेट ऍनालिस्ट’ ने, इन साइबर हमलों के लिए चीन पिपल्स लिबरेशन आर्मी और गुप्तचर यंत्रणा से संबंधित हैकर्स ही ज़िम्मेदार होने की बात डटकर कही। क्योंकि चीन के हितसंबंधों के साथ ये साइबर हमले जुड़े थे। इस कारण इसके पीछे चिनी हैकर्स होने की संभावना इन विश्लेषकों ने जताई। इस्रायली माध्यमों ने फायर आय की यह रिपोर्ट जारी करके, चीन ने इस्रायल पर साइबर हमले करवाकर बड़ी गलती करने की आलोचना की।
अपनी पहचान किसी के सामने ना आए, इसके लिए चिनी हैकर्स ने ईरानी हैकर्स का ट्रेल यानी पहचानचिन्ह छोड़ दिए। साथ ही, आपसी संवादों में कुछ स्थानों पर फारसी भाषा का जानबूझकर इस्तेमाल किया, इस पर भी विश्लेषकों ने गौर फ़रमाया। इस्रायल और ईरान के बीच बने तनाव का इस्तेमाल करने के लिए चिनी हैकर्स ने यह किया। इससे पहले भी ऐसे ‘फॉल्स फ्लॅग’ साइबर हमले होने की बात फायर आय के विश्लेषक जेन्स मोनरॅड ने स्पष्ट की।
कुछ दिन पहले चीन के हैकर्स ने अमरीका की ‘मायक्रोसॉफ्ट’ कंपनी के एक्चेंज सर्व्हर्स पर साइबर हमले किए थे। चीन के इन साइबर हमलों की गंभीर दखल लेकर अमरीका ने चीन को चेतावनी दी थी। ‘चायनीज् स्टेट स्पॉन्सर्ड हॅकर्स’ ऐसे खुलेआम आरोप अमरीका ने किए थे।
चीन के लष्कर ने कुछ साल पहले लगभग ५० हज़ार से एक लाख हैकर्स की स्वतंत्र फौज तैयार की है। दूसरे देशों की सरकारी, लष्करी तथा व्यापारी और बुनियादी सुविधाओं पर साइबर हमले करके इन यंत्रणाओं को डामाडोल करने की अथवा जानकारी चुराने की ज़िम्मेदारी चीन ने अपनी इस साइबर फौज को सौंपी है। इनमें से ‘युएनसी २१५’ यह चिनी हैकर्स का गुट पिछले कुछ सालों से चर्चा में है।
‘युएनसी २१५’ इस चिनी हैकर्स के गुट ने अमरीका, युरोप तथा भारत पर साइबर हमले किए होने की बात सामने आई थी। कुछ महीने पहले भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के बिजली संयंत्रों पर हुए साइबर हमले के पीछे भी चिनी हैकर्स का गुट होने के आरोप हुए थे। चीन के इन साइबर हमलों पर दुनियाभर से ग़ुस्सा ज़ाहिर हो रहा है। इस्रायल पर साइबर हमले करवाकर चीन ने गंभीर गलती की होने का दावा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।
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